पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद १.pdf/३६५

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ई ध्व-अङ्ग्रह चन सिस्सित ॐ हिन्द कीर झान , बाँचें जुग भने लाख ३सम ॐ माझ नैं । मरम--{ १४६ } होछराय ब्रह्मभट्ट होलपुर जिल्ला रायबरेली १ विवरण----यह अकबर शाह के 5 * इचिंशराय ॐ यहाँ थे । इन्होंने अझदर शाह से कुछ इ#न पाई, जिसमें हल्लपर बसाया ! तुलसीदाज में इन सूक्ष हुई हो । या --- होल–टा सुखदाल को लाख टङ्य के छ ? तुलस्सी.---सोल-लोल कुछ हैं नहीं ले राय कहि हो । • कहते हैं कि अह तोड़ डौलपुर में अब तक घूह झाला हैं । कविता इनकी साधारू श्रेही की है। दिल्ली तें न तत छु है बरतना मुळ , . हैं सुगर इढेि गिर नगर में है। बाग में न न ता है । इनकङ्ग, | मन में न रा औं न दाइ वीरबर ले । स्नान, जानछाप्त हैं है नर नरहरि नै न् , . . है है न दिया ऊ थे इर 2डर लें । | नशों सह साल देशि साहू समुद्र पर । . . हु है जो ज लुदीन शाहू ऋऋषर हैं । १ ११७} { रहीम; अब्दुलरहीम खानखाना रहीम को अन्स संदत ६ ६ १० ॐ हुआ था ६ में महारथ अकबर बादशाह के पुद्धिक रखाँ के पुत्र थे । अकसर शाह के दुश्वार नौरत में ये भी थे. और इन अकबर बहुत मानता था | ये महाशय अकक्षर के समस्त दल के सेनापति इदं मंत्री थे और