बना दिया है। मेरा बस चले, तो मैं सारे धर्म की पोथियो को उठाकर परनाले में
फेक हूँ।
(मिसेज ऐयर का प्रवेश । गोरा रग, ऊँचा कद, ऊँचा गाउन, गोल हाँडी की- सी टोपी, आँखो पर ऐनक, चेहरे पर पाउडर, गालों और ओठों पर सुर्ख पेंट, रेशमी जुर्राबें और ऊँची एड़ी के जूते । )
कानूनी-( हाथ वढाकर ) हल्लो मिसेज ऐयर, आप खूब आई , कहिए, किधर की सैर हो रही है ? 'आलोक' मे अबको आपका लेख अत्यन्त सुन्दर था, मैं तो पढकर दंग रह गया।
मिसेज ऐयर-( मिसेज़ बोस की ओर मुसकिराकर ) दग ही तो रह गये, या कुछ किया भी ? हम स्त्रियां अपना कलेजा निकालकर रख दें; लेकिन पुरुषों का दिल न पसीजेगा।
बोस-- सत्य | बिलकुल सत्य ।
ऐयर-मगर इस पुरुष राज का बहुत जल्द अन्त हुआ जाता है। स्त्रियाँ अब कैद मे नहीं रह सकतीं । मि० ऐयर की सूरत में नहीं देखना चाहती।
(मिसेज बोस मुंह फेर लेती हैं। )
कानूनो-(मुसकिराकर ) मि० ऐयर तो खूबसूरत आदमी हैं।
लेडी ऐयर-उनकी सूरत उन्हे मुबारक रहे। मैं खूबसूरत पराधीनता नहीं चाहती, बदसूरत स्वाधीनता चाहती हूँ। वह मुझे अबकी जबरदस्ती पहाड़ पर ले गये। वहाँ की शीत मुझसे नहीं सही जाती, कितना कहा कि मुझे मत ले जाओ , मगर किसी तरह न माना। मैं किसी के पीछे-पीछे कुतिया की तरह नहीं चलना चाहती।
(मिसेज़ बोस उठकर खिड़की के पास चली जाती हैं।)
कानूनी-अब मुझे मालूम हो गया कि तलाक का विल असेम्बली में पेश करना पड़ेगा।
ऐयर- खैर, आपको मालूम तो हुआ , मगर शायद कयामत में ?
कानूनी- नहीं मिसेज़ ऐयर, अवकी छुट्टियों के बाद ही यह विल पेश होगा;
और धूमधाम के साथ पेश होगा। बेशक पुरुषों का अत्याचार बढ़ रहा है। जिस
प्रथा का विरोध आप दोनो महिलाएं कर रही हों, वह अवश्य हिन्दू-समाज के लिए