पृष्ठ:मानसरोवर भाग 3.djvu/२०

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१९
विश्वास

मिस्टर जौहरी ने ताली बजाई और तालियों से हाल गूँँज उठा।

मिस जोशी―लेकिन राज के द्रोही नहीं, अन्याय के द्रोही, दमन के द्रोही, अभिमान के द्रोही!

चारों ओर सन्नाटा छा गया। लोग विस्मित होकर एक दूसरे की ओर ताकने लगे।

मिस जोशी―महाशय आपटे ने गुप्त रूप से शस्त्र जमा किये हैं और गुप्त रूप से हत्याएँ को हैं―

मिस्टर जौहरी ने तालियाँँ बजाई और तालियों का दौंगड़ा फिर बरस गया।

मिस जोशी―लेकिन किसको हत्या? दुःख को, दरिद्रता की, प्रजा के कष्टों को, हठधर्मी की और अपने स्वार्थ को।

चारों ओर फिर सन्नाटा छा गया जोर लोग चकित हो-होकर एक-दूसरे की