पृष्ठ:माधवराव सप्रे की कहानियाँ.djvu/५३

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उपयोग लेने के लिए अबू इसहाक बहुत दिन तक जीता न रहा। सन् ९७७ ई॰ में उसके परलोक सिधारने पर प्रजा, अमीर और उमरावों ने एकमति से जहीरा के पति को (अर्थात् हमारे पथिक को) गजनी का बादशाह बनाया।

इस प्रकार उस पथिक का स्वप्न सच्चा हुआ और जो कुछ दिन पहले गुलाम बनकर दीन दशा में पड़ा था, वही गरीब पथिक एक बलाढ्‌य राजा हो गया। दिन के हेर-फेर ऐसे ही होते हैं।

हिन्दुस्थान के इतिहास में सबक्तगीन नाम का जो अत्यन्त प्रसिद्ध बादशाह हो गया, वह यही हमारा गरीब पथिक है। उसी के लड़के महमूद गजनवी ने भारतवर्ष को मुसलमानों के आधीन किया।