पृष्ठ:महावीरप्रसाद द्विवेदी रचनावली खंड 4.djvu/२५२

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248 / महावीरप्रसाद द्विवेदी रचनावली लिखे हैं। अपनी मातृभाषा जर्मन में भी आपने बहुत से लेख लिखे हैं। जर्मन होकर भी आप अच्छी अंगरेज़ी लिखते और बोलते हैं। आपकी योग्यता से प्रसन्न होकर गवर्नमेंट ने आपको सी० आई० ई० की पदवी से विभूषित किया है। [जुलाई, 1906 को 'सरस्वती' में प्रकाशित । 'विदेशी विद्वान्' पुस्तक में संकलित।