- विषय-सूची ,
%3- महाभारतके विस्तारका कोष्ठक, मैकडानलका भारतीय युद्ध श्लोकसंख्या नीलकंठके मतसे ३. सम्बन्धी मत ... ... १०० महाभारतके पाठ बम्बई, बङ्गाल मैक्समूलर और अमलनेरकरका और मद्रास ... ... मत भ्रमपूर्ण है ... .. १५ महाभारतका काल ई० सन पूर्व “यदाश्रौषम्" वाला श्लोक सोति- ३२० से ५० तक र का है ... ... ... १२ महाभारत राशियोंके पहलेका है यदुतुर्वस् आदिका उल्लेख ई० सन् पूर्व २५० ... .. ५८ ययातिके चार पुत्रोंको शाप ... १४८ - यवन अथवा ग्रीकोका उल्लेख ई० महाभारतका निश्चित काल ई.
- सन पूर्व ३२० ...
सन् पूर्व २५० लोकमान्य ... यज्ञ और तप ... तिलकको भी ग्राह्य है ... ५२ ... । यास्कका महाभारनमें उल्लेख ... महाभारतमें दूसरे ग्रन्थोका उल्लेख ५४ , युगमान .. महाराष्ट्र ... .. ३६५ युधिष्ठिर सभा मामाकी कन्या विवाह ... २४४ युद्ध-विषयक फुटकर बाने ... ३६६ मार्गशीर्ष श्रादि महीनोंके नाम यांग-मूलतत्त्व ... ५२४ वेदान्तमें नहीं है: उनका प्रचार योगके मुख्य लक्षण चानक मुख्य लक्षण ... १२५ ई. सन पूर्व ३००० में हुआ १२२ यांगकी सिद्धि और धारणा ५२६ मालव-क्षुद्रक ग्रीक वर्णन .. २७ : योगका २६ वाँतत्त्व परमात्मा है ५२७ "मालवगणस्थिन्या" का अर्थ ... २६; योग स्त्रियों और शद्रोंके लिए मास, अमान्त और पौर्णिमान्त ४१६-४२० : भी साध्य है ... ... ५२८ "मासानां मार्गशीपोऽहम् ऋतृनां योगियोंका अन्न . . ... ५३० कुसुमाकरः" का काल ... ५७६ रथी .. ... ... ... ३४९ मांसान भक्षण ... ... २४६ रथयुद्ध-सिकन्दरके समयका ३५२ मांसान त्याग . रथवणेन .. ... ३५४ मांस, वावर्त्य ... ... २५२ . रथके दो पहिए ... ३५६ मांसभक्षणकी निन्दा ... २५३ रथियोंका द्वन्द्वयुद्ध ३५० मक्ति, संमृतिम ... ... ५०६ रत्न .. ... ... ... मुल्की कारवार ... ... ३१७ रङ्ग ... ... .. ... ३७२ मूर्तिपूजा ... ... ... ४४८ गक्षस ... ... मेगास्थिनीजकी दी हुई २३५ पीढ़ियाँ राजकीय स्थिति, भारतीय और विश्वसनीय हैं ... ... १००. पाश्चात्य ... ... ... २६४ मेगास्थिनीज पर होनेवाला आक्षेप . राज्य, छोटे छोटे ... ... २६४ निमूल है ... ... १०३ राजसत्ता .. .. २६६-३०१ मोक्ष ... ... ... ५१० राजसत्ताका नियमोसे नियन्त्रण ३०२ मोड़कने सायन निरयण नक्षत्र मान- राजा और प्रजामें करारकी कल्पना ३०३ कर जो युद्धकाल निश्चित किया गजाका देवता स्वरूप .. ... ३०५ है वह भ्रमपूर्ण है ... ... १३२ गजदरवार .. ... ... ३०० ३७५ २