पृष्ठ:महाभारत-मीमांसा.djvu/६३७

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•विषय-सूची। ६ud ३६० पराह्म स्वरूप ... ५०७ पुरुषोत्तम ... ... ... ४: परमेश्वर ... ... ५२ पुराण (वर्तमान ) महाभारतके परिवेदन ... ... . २५ बादके हैं ... ... ... ५६ परराज्य सम्बन्ध पुगणोंका मत युद्धकालके सम्बन्ध- परशुराम क्षेत्र . ... ३६७ में काल्पनिक हैं . ... 8 पर्वत (सात कुल पर्वत) ... पुराणोंका ज्ञान ज्योतिषके पहनावा (स्त्रियों और पुरुषों- विरुद्ध है का) ... ... २३३-२६४ पुराणोंकी पीढ़ियाँ असम्भव हैं .. १०४ पाणिनी और शाकल्य ... ... ४३७ महाभारतसे विरोध .. १०५ पाण्डव काल्पनिक नहीं हैं ... २ पुनर्विवाहकी मनाही ... ... २२० पागडवोंकी कथाका पीछेसे पुनर्विवाहका दमयन्तीका प्रयत्न २२१ मिलाया जाना संभव नहीं है पैदल ... ... ... ३४७ पाण्डवोंका इधर होना कहीं प्रकृति और पुरुष, भगवद्गीतामें .. ५२३ ___ दिखाई नहीं देता ... ... प्रमाण स्वरूप ... ... ४२ पांड्य ... ... २४४ पगड़ी, पुरुषोंकी २६८ प्रवृत्ति और निवृत्तिका उचित पादत्राण ... ... ... २७१ उपयोग ... ... ... ५८५ पातिव्रत्यकी उदास कल्पना प्रीकोंका प्रतिकुल मत . प्रवृत्ति निवृत्तिका संसारमें ... २४१ आन्दोलन ... पापके अपवाद ५८ ... ... ४७२ पाशुपत मत महाभारतके पहलेका ग्रीक ईसाई देशोंका इतिहास पांचरात्र भागवत धर्मसे भिन्न भरतखण्डका इतिहास .. ५८६ चित्रशिखंडीका ग्रन्थ लुप्त हो प्राकृतका उल्लेख नहीं है ४३३ प्राण ... ... ... ४६३ प्रायश्चित्त .. मावनलोकमें उत्पन्न प्रायश्चित्तके प्रकार . .. महोपनिषद् . प्रेतविधि ... प्राचार्यपरंपरा ... ... प्रात्मगति प्रौढ़ विवाह ... योगका वेदान्तसे अभेद मनुस्मृतिके विरोधी वचन... पाशुपतमत .. . फलासक्तित्याग .. ... ५६५ पशुका अर्थ सृष्टि ... बड़ोका अादर ... ... २७8 बाग बगीचे ... ... ... २१० उपदेश परम्परा ... .. ५५६ वर्णाश्रमको छोड़कर ५५७, बादरायण व्यास और पायन पांचरात्र मत महाभारतमे पहले. व्यास दो भिन्न व्यक्ति हैं ... ५६ ... ६६ : बाह्रीक देशकी जातियों की गड़बड़ी १६ पहलेका ग्रन्थ नहीं मिलता... ७०, बुद्ध और बुद्ध्यमान अात्मा ... ५२६ पुनरुक्ति .. २. वहस्पतिसूत्र नहीं मिलता ... ६६ पुनर्जन्म ... ... ... ५०२ बेगार ... .. ... ३२२ ४७० २८६ २२२ २२३