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महाभारतमीमांसा
  • महाभारतमीमांसा *

- अब भी हिन्दुस्तानकी उच्च जातिवाले के ऊपर रहे होगे । सारांश यह कि खोगीमें बहुत कुछ देख पड़ता है। इस भारत-कालमें लोगोंकी उम्र खख बड़ी विषयके, महाभारतके, वर्णन कवि-होती थी। महाभारतके समयतक यही कल्पित नहीं हैं। हुएनसांगने भी हिन्दु- हाल था। यूनानियोंके प्रमाणसे भी यह स्तानी लोगोंका ऐसाही वर्णन किया | बात सिद्ध है। यूनानी इतिहासकार है । महाभारतमें अनेक स्थलों पर इस अरायनने लिखा है कि हिन्दुस्थानमें १४० बातका उल्लेख है कि भारती आर्योंका! वर्षतक लोग जिन्दा रहते हैं। सौ वर्षसे कद ऊँचा था। तालवृक्षकी तरह सीधा | ऊपरकी उम्रवाले बहुत लोग मिलते हैं और ऊँचा उठा हुश्रा, यह वर्णन अक्सर और ऐसे लोगोंका एक अलग नाम होना पाता है। वृषस्कन्ध अथवा कपाटवक्ष- भी यूनानियोंने लिख रखा है। फिर वर्णन भी बराबर मिलता है । इससे भी समूची आयुकी मर्यादा १०० वर्ष सिद्ध है कि उन्नत कन्धोवाले और चौड़े | रही होगी। महाभारतके अनेक उल्लेखों- सीनेवाले लोग भारती प्रार्यों में ख़ास तौर से ऐसा ही मालूम पड़ता है। यह नहीं पर माने जाते थे। महाभारतके समयमें माना जा सकता कि महाभारतके समय भारती आर्योंके शरीरका ढाँचा और ३०० या ४०० वर्षकी उम्रवाले श्रादमी मूरत इस तरहकी थी। थे। शान्ति पर्वमें भीष्मने कहा है कि सूत प्रायु। अथवा पौराणिक ५० वर्षका हो। इसका अब भारती पार्योंकी बड़ी अवस्था यह अर्थ जान पड़ता है कि ५० वर्षके पर थोडासा विचार किया जाता है। बाद मनुष्यकी बुद्धि प्रगल्भ हो जाती है शरीरकी स्थिति अच्छी रहती थी, देशमें और उसका स्वभाव शान्त हो जाता है। चीजें सस्ती थीं और इसी प्रकार मध्य-: इसी प्रकार शान्ति पर्वमें कहा है- देश तथा पाबकी हवा निरोगी तथा ये तु विशतिवर्षा वै त्रिशद्वर्षाश्च मानवाः । खुश्क थी। इस कारण यह ठीक ही है कि अर्वागेव हि ते सर्वे मरिष्यन्ति शरच्छतात्॥ भारती श्रार्योंकी खूब उम्र होती थी। (शान्ति० अ० १०४.२०) महाभारतमें जिनका वर्णन है वे सभो दीर्धा- जो लोग बीस या तीसके भीतर हैं, वे युषीथे । तपके बलसे हज़ारों वर्षको आयु- सभी १०० वर्ष पूर्ण होनेके पहले ही मर पाले अषियोंको यदि अपवादक मान लें, जायंगे। इस वाकासे प्रायकी मर्यादा तो भी साफ देख पड़ता है कि साधारण । अधिकसे अधिक १२० या १३० वर्षकी आदमियोंकी आयु भी बहुत होती थी। समझी जाती थी। यदि इससे अधिक युद्धके समय श्रीकृष्ण =३ वर्ष के थे और आयुकी गणना कहीं की गई हो, तो या अर्जुनकी अवस्था ६५ वर्ष या इससे भी तो वह अतिशयोक्ति है और या फिर अधिक थी । निजधामको जाते समय अपवादक । महाभारत और यूनानियों के श्रीकृष्णकी आयु १०१ या ११६ वर्षकी प्रमाणसे यह बात निर्विवाद सिद्ध होती थी। उस समय श्रीकृष्णके पिता वसुदेव है कि आजकलकी अपेक्षा महाभारत- जीवित थे। वे कमसे कम १४० वर्षके तो कालमें और भारती युद्धके समय भार- होंगे ही। युद्धके समय द्रोणकी अवस्था तीयोंकी आयुर्मर्यादा बहुत कुछ अधिक ५ वर्षकी थी और भीम तो १०० वर्ष होनी थी। .