पृष्ठ:महाभारत-मीमांसा.djvu/१६

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१२ सिंहो, अगणित तेवुभौ और बाराहोको मार गिराया है। भाप भूमिल होकर भी आखेट करते हैं । गोली चलाने, चित्रकला,पेन्टिग श्रादिमें भी आप दक्ष हैं। विद्या- प्रचारको भोर आपकी विशेष रुचि है। विद्यार्थियोंको उत्साहित करनेके लिए आप समय समय पर पारितोषिक भी दिया करते हैं। आपने अनाथ बच्चोंके लिए एक अनाथालय खोल रखा है। उनके पालन-पोषणका प्रबन्ध तो अच्छा है ही, पर उनकी शिक्षाकी भी समुचित व्यवस्था की गई है। राज्यप्रबन्धके उत्तरोत्तर सन्तोष-जनक सुधारसे प्रसन्न होकर अंगरेज सरकारने आपको सन् १९१६ में राज्यके पूर्ण अधिकार, सन् १९१८ में के. सी. आई. ई. का पद और सन् १९२० में स्टेशनके मुकदमोंका भी पर्णाधिकार दे दिया है । गत योरोपीय महायुद्ध में आपने बृटिश सरकारको धन तथा जनसे बड़ी सहायता दो। आप बड़े उदार हैं-आपके यहाँसे कोई विमुख नहीं लौटता। एक सुयोग्य नरेन्द्र में जिन अनेक बड़े बड़े गुणों की आवश्यता है वे सब भआपमें पाये जाते हैं। ईश्वर ऐसे सद्गणी राजाको चिरकालतक सिंहासनारूढ़ रखे, यही हमारी प्रार्थना है। यह प्रन्थ भी आपकी ही उदारतासे प्रकाशित हुआ है। रियासत राजगढ़ मध्यभारतमें भूपाल एजेन्सीके अधीन है। इसका क्षेत्रफल १६२ वर्ग मील, जन-संख्या १६११ के गणनानुसार १२७२६३ और जागीरी सहित वार्षिक प्राय सात लाख रुपये है। राजधानी राजगढ़का अक्षांश २३"-३७ और २४ --११ उत्तर तथा ७६०-३७ और ७७०-१४ पूर्व देशान्तर पर स्थित है। अधिकांश प्रजाका निर्वाह कृषि पर होता है; एक पंचमाश प्रजाका पेशा मजदूरी है। राज्यके तृतीयांशमें पर्वत और जंगल फैले हुए हैं। नेवज और पार्वती बड़ी नदियाँ हैं जो अन्त में चंबलमें मिल जाती है। मृगयाके लिए अनेक स्थान है जहाँ कई प्रकारके हिंस्र पशु पाये जाते हैं। कोटरेके जंगलके निकट महाराज अशोक निर्मित बौद्धोका भग्नावशिष्ट ऐतिहासिक स्तूप है। मुख्य उपज गेहूँ, चना, जुबार, मक्का और अफीम है। राज्य भरमें छात्रालय तथा पुस्तकालय-सहित एक हाई स्कूल, सत्रह प्रामीण पाठशालाएँ, एक मिडिल स्कूल और चार भौषधालय भी हैं।