पृष्ठ:महाभारत-मीमांसा.djvu/१५

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रियासत राजगढ़का संक्षिप्त वृत्तान्त और उसके वर्तमान नरेशका परिचय । राजगढकी रियासत उस प्रमार क्षत्रियवंशके अधीन है जिसके पूर्वज उज- यिनीके राजा वीर विक्रमादित्य थे जिनका सम्बन अाज दो सहस्त्र वर्षोंसे चला पाता है । इसी वंशमें ऊमरजी भी बड़े प्रसिद्ध नरेश हुए हैं। उन्होंने सिन्धके उमर- कोट में एक दृढ़ दुर्ग स्थापित किया था: इन्ही प्रसिद्ध वीरने उज्जैन नगरसे पचास कोसको दूरी पर ऊमरवाड़ी में अपना राज्य स्थापित किया । सन १८८१ ई. में जब इस प्रान्तके राजा मोहनसिंहजी थे उस समय दीवान परशुरामजीने इस राज्यको दो भागों में विभाजित कराया-एककी राजधानी राजगढ़ हुई और दूसरेकी नर- सिंहगढ़ । राजगढकी गद्दी पर रावत मोतीसिंहजी साहब सातवे राजा हुए। सन् १८५७के बलवे में आपने अंग्रेजोकी बड़ी सहायता की: इससे प्रसन्न होकर सरकारने आपको वंशपरंपराके लिए ग्यारह तोपोंकी सलामीका सन्मान प्रदान किया। सन १८८० ई० में इनके पुत्र रावत बम्बावरसिंहजी साहब गद्दी पर बैठे। आपकी योग्यता और न्यायप्रियता उच्च कोटिकी थी । श्रापने केवल दो वर्ष राज्य किया। सन् १८:२ ई० में आपके पुत्र रावत बलभद्रसिंहजी साहब गद्दी पर बिराजे । सन् १८:५में जब मारकिस श्राफ डफरिन भारतके गवर्नर-जनरल थे, उस समय आपको सरकारने राजाको पदवी वंशपरंपराके लिए दी । सन् १६०२में आपके पितृव्य राजा रावत सर विनयसिंह जी साहब गद्दी पर बैठे । अापने राज्यकी असाधारण उन्नति की । आपके शासनकालमें बहुतसे नये नये मकान, कोठियाँ, महल, सड़के श्रादि बनीं और शिक्षाका प्रचार कर राजधानीकी उन्नति की गई। आपने बहन अच्छा विद्याभ्यास किया था अपने समयके श्राप एकही दानी थे। आपके राज्य-प्रबन्धसे सन्तुष्ट होकर सरकारने सन् १६०८में आपको के० सी० आई० ई० के पदसे विभूषित किया । श्राप सन् १६०३ के दिल्ली दरबार में सम्मिलित थे और आपको एक सुवर्णपदक भी मिला था । सन् १६०५ में श्राप प्रिन्स और प्रिन्सेस आफ वेल्समे और सन १६१ में सम्राट पंचम जार्जसे मिले। तेरह वर्ष चार महीने राज्य करने पर सन १६१में आपका स्वर्गवास हो गया। आपके स्वर्गवासके पश्चात् आपके सुयोग्य पुत्र राजा रावत सर वीरेन्द्रसिंह जी साहब बहादुर गद्दी पर बैटे । ता० ११ मार्च सन १६५६ को राज्याभिषेक हुश्रा। आपको शिक्षा इन्दौरके राजकुमार कालेज में हुई। परीक्षोत्तीर्ण होनेमें आपको कई प्रशंसासूचक पदक मिले। अंगरेजी, उर्दू और हिन्दीके आप अच्छे शाता है। अंग- रेजी खेलकद. अंगरेजी भाप्य और अश्वारोहणम आपकी बडी प्रसिद्धिहै। श्राखंट- की ओर आपकी अत्यधिक रुचि है। केवल २६ वर्षको अवस्था प्रापने अभीनक