मैक्सवेलका मेजर भंडारीके नाम असा पत्र आया कि सारजण्ट विन्स और रोजर्सको घड़ियाँ भेजी, असके लिओ झुनकी तरफसे कदरदानी ( appreciation) जाहिर करनेको अिण्डिया आफिसने बम्बी सरकारको लिखा है, यह गांधीजीको बता देना। यह पत्र वापूको दिखाया गया । । रंगूनवाले मदनजीत ७२ सालकी झुम्रमें अिनसीन जेलमें गुजर गये । जिस आदमीमें अनेक खामियाँ' होने पर भी अिसमें शक १७-३-३२ नहीं कि असने ब्रह्मदेशके लिओ फकीरी ली थी । जेलमें स्वर्गवासी होकर असने अस सेवाको चार चाँद लगा दिये हैं । बापूको यह खबर सुनकर अभिमान हुआ। 'टाअिम्स' बताता है कि वा की कैद सादी है । आजके 'क्रॉनिकल में 'अडवांस ' पत्रमेंसे अद्धृत किया हुआ बेन्थमका गोलमेज परिषदके कामका निजी बयान था। जिससे अिन लोगोंका पूरी तरह पर्दाफाश होता है। श्रीमती नायड्को 'सी' मिले तो कैसा रहे ? अिस तरहकी बात सवेरे हो रही थी, तब बाप बोले "जिनके मामलेमें असा नहीं करेंगे। अितने जहरीले ये लोग नहीं बनेंगे।" वल्लभभाीने कहा " देखिये, जिन्होंने बाको 'सी' दिया, अनके बारेमें भी आप कहते हैं कि जितने जहरीले नहीं बनेंगे । आप तो 'न्यायदर्शी' जो ठहरे ?" सेम्युअल होरके बारेमें वल्लभभाीने पूछा ." यह आदमी जिस तरह कैसे आँखें अन्धी रख सकता होगा ?" यह कंजर्वेटिव लोगोंके स्वभावमें है। देखो न, पिछली लड़ाीमें जर्मन लोग फ्रान्स तक पहुंच गये, तब तक भी ये तो यही कहते थे न कि हम जीत रहे हैं, हम जीत रहे हैं !" - बापू बोले-
- बापूको कोहनीके अपरको हड्डीमें और दाहिने हाथके अंगूठे में बहुत दर्द रहता है। बापूने कहा "ये बुडापेकी निशानियाँ हैं। अिस दुःखका विचार ही छोड़ देना चाहिये । अिसे अनिवार्य समझकर जिसकी व्यथकी चिन्ता छोड़नी चाहिये।" वल्लभभाी " अस हठयोगीकी तरह !" फिर वापूने कहा बाहर होता तो साफ दीखता है कि शायद ब्लडप्रेशर (खूनका दवाव) बर जाता, क्योंकि नींदकी भृग्य अभी भी मिटनी नहीं।" अिस पर मैंने कहा तो यहाँ आये यह सीवर कृपा ही कहना चाहिये !" बापू बोले जरूर। जिसके सिवा दुसरे कारणों से भी मैं बाहर रहकर क्या कर सकता था ? हिन्दू- मुसलमानोंका सवाल, मरहद प्रान्तका सवाल, ये सब विकट सवाल थे। लालकुर्तीवाले लाकरका क्या करना ? अब जो सच्चे कांग्रेसवादी हैं, वे अलग निकल आयेंगे 63 तत्र