पृष्ठ:महादेवभाई की डायरी.djvu/२२५

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अिस तरह क्या धर्मका व्यापार हो सकता होगा ? मैंने बापूका ध्यान अिन अंशोंकी तरफ खींचा तो वे कहने लगे "अिस मामलेमें विवेकानन्द विवेक भूल गये थे और रोला भी विवेक भूल गये हैं।" आखिर लॉर्ड अर्विनका टॉरण्टोका पूरा भाषण 'लीडर' में आया। सारा पड़नेमें पौन घंटा लगा । बापू कहने लगे- " असने जैसा ६-६०३२ भाषण नहीं किया, जिससे किसीको दुःख पहुँचे। मगर अब क्या करें ? अक भी अच्छे अंग्रेजकी समझमें यह नहीं आता कि ब्रिटिश राजने अिस देशको दरिद्र बना दिया है। वे अशोकके शन्दोंको अद्धृत करके आशा रखते हैं कि आनेवाली सन्ताने अंग्रेजोंको भी अशोककी तरह दुआ देंगी । कहाँ अशोक और कहाँ अंग्रेजी राज ! कहाँ कृष्ण और कहाँ कंस !" भाषण बहुत मेहनतसे तैयार किया हुआ और विद्वत्तापूर्ण लगा। मगर बहुत ही गहरा और खतरनाक मालूम हुआ। कांग्रेस बहुतसे पक्षों से अक पक्ष है, अिस बातको जन्म देनेवाला अर्विन है जैसा मैं मानता हूँ, और असने यही बात अिस लेखमें प्रगट की है । कांग्रेसने अल्पमतवालोंके अनिवार्य हक मंजूर नहीं किये ! गांधी अक महान नेता है, परन्तु हिन्दू नेता है ! हिन्दुओंसे वह चाहे जैसा त्याग करा सकता है, मगर हिन्दुओंके सिवा दूसरे असकी नहीं मानते ! मुसलमान असे विदेशी हैं जो देशके हिन्दुधर्ममें नहीं समाये । अिस धर्मकी असी जीवन शक्ति है । वगैरा वगैरा । और शान्ति तथा व्यवस्था कायम करनेका काम अंग्रेजोंके सिर आ पड़ा ! । । आजके 'टाअिम्स में असी खबर है कि बम्बीमें दंगे अभी तक हो रहे हैं । 'दीक्षित' को पकड़नेमें ये लोग बहादुरी समझते हैं । ७-६-३२ मगर यह खोजनेकी जरूरत मालूम नहीं होती कि ये दंगे कौन करा रहा है । क्योंकि ये लोग जानते हैं कि ये कौन करा रहा है। सर हेनरी लॉरेन्स और हॉटसनके 'बम्बी भोज' के अवसर पर दिये गये भाषण आये हैं । लॉरेन्सने केनाडामें कैसा जहर फैलाया होगा, अिसका सबूत अिस भाषणसे मिलता है। ' He was prepared to hand Mr. Gandhi the halo of a Saint for his conduct at that time; but he would ask them to judge whether if a man was saint at one time he was necessarily a saint for all time. That reputation of sanctity .