- करना। " सुसने पूछा - अिस सप्ताह ४४ पत्र लिखे । आश्रमके सालाना हिसाबके बारेमें अक हृदयमें पैठ जानेवाली टिप्पणी लिख भेजी। छोटे छोटे बच्चोंको लिखी छोटी छोटी चिट्ठियाँ कितनी अद्भुत हैं ! अक लड़कीने छोटेसे संवादमें भारतमाताका वेश लिया था। असे बापूने लिखा था "तू अपनेमें भारतमाताके गुण पैदा " भारतमाताके गुण कौनसे ?" बापूने असे लिखा- " भारतमातामें धीरज, सहनशीलता, क्षमा, वीरता, अहिंसा, निर्भयता वगैरा गुण होने चाहिये । अन्हें पैदा करनेके लिझे तो आश्रम है ही ।" असने यह भी पूछा या ---" हमें पिछले जन्मकी बातें याद क्यों नहीं रहतीं ?" असे लिखा " हमें अिस जन्मका भी सत्र कहाँ याद रहता है ? और रहे तो हम पागल हो जायँ । किसी चीजको याद रखकर असमें से जो लेना हो, वह ले लें। फिर असे भूल जायें तो असमें क्या हर्ज ? अलटे लाभ ही है ।" अक लड़कीने पूछा - "बापके राजमें न समाये और माके चरखेमें समा जाय, अिसका अर्थ क्या ? जनेशू किस लिओ पहनते हैं ? गाय माता क्यों कहलाजी ?" असे लिखा - "बापके राजमें लूट मची हो, तो वहाँ गरीब रह जाते हैं । माँका चरखा तो असकी गरीब प्रजाके लिओ ही चलता है । जने या माला पवित्रता सीखनेमें कुछ न कुछ मदद करती है । आजकल असका बहुत अपयोग नहीं माना जाता । गाय अिसलि माता मानी जाती है कि वह माँकी तरह दूध देती है। और फिर माता तो अपने ही बच्चेको अक साल तक दूध देती है, मगर गाय सबको देती है। अिसलिझे वह सबकी माँ है। माता बच्चोंसे बहुत सेवा लेती है । गायकी कौन करता है ? अिसलिओ गाय तो बड़ी माँ है। अक लड़केने पूछा था क्या राम-जैसे मनुष्यको भी सीताके हरे जाने पर पागलकी तरह शोक करना चाहिये था ?" बापूने लिखा - "यह कौन जानता है कि रामने अितना शोक किया था ? हम जो पढ़ते हैं वह काव्यका वर्णन है। यह बिलकुल सच है कि असा विलाप ज्ञानीको शोभा नहीं दे सकता । अिसलिमे हमें यह मानना चाहिये कि हमारी कल्पनाके रामने असा विलाप किया ही न होगा ।" अक बहनने लिखा " मुझे अपना बेहद आलस्य स्वीकार करना चाहिये । मुझसे डायरी लिखी ही नहीं जाती।" जवाब: " शुममें आलस्य ही कारण नहीं है । असमें सीधी बात लिखना कठिन है । लिखकर देख लो।" बाल रखने न रखनेके बारेमें आश्रमकी लड़कियोंने खामी चर्चा चलाश्री । अन्हें अत्तर मिला ." बाल काटनेसे अन्हें संवार कर रखनेका समय बचता है और तेल, कंघी वगैराका खर्च बचता है । बालोंमें शोमा है, यह वहम मिट जाय, बाल न रखनेसे सिर साफ़ रहे और बाँके लिये यह ब्रदाचर्यकी निशानी है । लड़कियाँ और त्रियाँ बाल " ११८
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