पृष्ठ:महात्मा शेख़सादी.djvu/८२

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हुनर बकार न आयद चु बख़्त बदबाशद।

भाग्यहीन मनुष्य के गुण भी काम नहीं आते।


हरकि सुख़न न संजद अज़ जवाब बरंजद।

जो आदमी तौल कर बात नहीं करता उसे कठोर बातें सुननी पड़ती हैं।


अन्दक अन्दक बहम शवद बिसियार।

एक एक दाना मिलकर ढेर हो जाता है।

यद्यपि सादी ने जो उपदेश किये हैं वह अन्य लेखकों के यहां भी पाये जाते हैं, लेकिन फ़ारसी में सादी की सी ख्याति किसी ने नहीं पाई थी। इससे विदित होता है कि लोकप्रियता बहुत कुछ भाषा सौन्दर्य्य पर अवलम्बित होती है। यहां हमने सादी के कुछ वाक्य दिये हैं लेकिन यह समझना भूल होगी कि केवल यही प्रसिद्ध हैं। सारी गुलिस्ताँ ऐसे ही मार्मिक वाक्यों से परिपूर्ण है। संसार में ऐसा एक भी ग्रन्थ नहीं है जिसमें ऐसे वाक्यों का इतना आधिक्य हो जो कहावत बन सक्ते हों।