पृष्ठ:महात्मा शेख़सादी.djvu/१३

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भांति सादी भी दुर्व्यसनों में पड़ जाते लेकिन उनके पिता की धार्मिक शिक्षा ने उनकी रक्षा की।

यद्यपि शीराज़ में उस समय विद्वानों की कमी न थी और बड़े बड़े विद्यालय स्थापित थे, किन्तु वहाँ के बादशाह साद बिन ज़ंगी को लड़ाई करने की ऐसी धुन थी कि वह बहुधा अपनी सेना लेकर एराक़ पर आक्रमण करने चला जाया करता था, और अपने राज्य-काज की तरफ़ से बेपरवाह हो जाता था। उसके पीछे देश में घोर उपद्रव मचते रहते थे और बलवान शत्रु देश में मार काट मचा देते थे। ऐसी कई दुर्घटनायें देखकर सादी का जी शीराज़ से उचट गया। ऐसी उपद्रव की दशा में पढ़ाई क्या होती? इस लिए सादी ने युवावस्था में ही शीराज़ से बुग़दाद को प्रस्थान किया।