c सवारों का यह दल सीधा नगर के प्रांत भाग में स्थित एक पुराने और विशाल मकान के खंडहरों में घुस गया। सभी जानते थे, उस मकान में कुछ राजनैतिक अपराधी एक वर्ष से कैद हैं। परन्तु थोड़ी ही देर में नगर वासियों ने आश्चर्य से देखा, खुद जार और उसका परिवार बंदी की भाँति उन सवारों से घिरा हुआ उस मकान से बाहर निकल और इकटेरिबर्ग गाँव की ओर चल दिया। ४ था। सरदार का नाम वेसली-बीच-जेत्कोलिन था। वह सोवियट सरकार का प्रमाणिक व्यक्ति था। ज़ार कहाँ है, कैसा है, इस के विषय में कोई नहीं जानता था । वह एक वर्ष से गुप्त कैद था । उस गुप्त कैद से निकाल कर बेकोलिन ने उस गाँव में रख दिया। यह गाँव सोवियट दल का प्रधान अड्डा, ज़ार इस गाँव के एक साधारण मकान में अपने परिवार तथा अन्य मनुष्यों सहित कैदी की तरह रहने लगे। इस पर ज्यूरो- बल्की का पहरा था। २५ जुलाई की आधी रात का समय था । २ बजे ज्यूरोवस्की आया और उसने जार के दरवाजे को खटखटाया। द्वार खुलने पर उसने जार को कपड़े पहन लेने का हुक्म दिया। इसके बाद जार तत्काल एक तहखाने में ले जाये गये । उनकी स्त्री
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