( ७२ ) दिया है । लोगों को मालूम होने लगा कि हिंद महासागर के बहुत से द्वीप अंग्रेजों के अधिकार में आ गये और वहाँ पर इन्होंने बहुत बड़े २ कारखाने , और खेती बाड़ी फैला दी है ।। आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड भी अंग्रेजों के डोमिनियच हैं जर्मनी को पेट भरने के लिये कोई गुजाइश नहीं रह गई थी। परिणाम यह हुआ कि महायुद्ध का सूत्रपात हुआ। इस महायुद्ध ने योरोपियन राष्ट्र के संघ को एक दम खोखला कर दिया। चूकि इस युद्ध में इगलैंड और फ्रांस को एशिया से बहुत कुछ मदद मिलती थी, इसलिये उनसे मदद ली गई। और एशियाटिक लोग योरोपियन लोगों से कंधे से कंधा मिला कर लड़े। इसका परिणाम यह हुआ कि लीग आफ नेशन्स में एशिया के राष्ट्रों की कुर्सी योरोप के राष्ट्रों की कुर्सी के बराबर रख दी गई । इस प्रकार चीन जापान युद्ध और रूस जापान युद्ध तथा योरोपियन महायुद्ध, इन तीन सीढ़ियों पर चढ़ कर एशिया योरुप का मित्र बन बैठा और योरोपियन राष्ट्रों की बराबरी करने लगा। इससे एशिया खंड में नया युग शुरू हो गया। चूकि योरुप के बड़े २ राष्ट्र लड़कर कमजोर और छोटे छोटे राष्ट्र आवारागदे हो गये थे, इसलिये एशिया को नव जाग्रत लोगों
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