(२) अनुबद्ध संबंधसूचक संज्ञा के विकृत रूप के साथ 'आते हैं; जैसे; किनारे तक, सखियों सहित, कटोरे भर, पुत्रों समेत, लड़के सरीखा। (क) ने, को, से, का-के की, में, भी अनुबद्ध संबंध- सूचक हैं; परंतु नीचे लिखे कारणों से इन्हें संबंधसूचकों में नहीं गिनते-- (अ) इनमें से प्राय: सभी संस्कृत के विभक्ति-प्रत्ययों के अपभ्रंश हैं; इसलिए हिंदी में भी ये प्रत्यय माने जाते हैं। (श्रा) ये स्वतंत्र शब्द न होने के कारण अर्थहीन हैं; परंतु संबंध-सूचक बहुधा स्वतंत्र शब्द होने के कारण सार्थक हैं। १६६-संबद्ध संबंधसूचकों के पहले बहुधा "के" विभक्ति 'आती है; जैसे, धन के लिए; भूख के मारे; स्वामी के विरुद्ध; उसके पास। . (अ) नीचे लिखे अव्ययों के पहले (स्त्रीलिंग के कारण ) "की" आती है-अपेक्षा, पोर, जगह, नाई, खातिर, तरह, तरफ, मारफत । सूचना-जब "श्रोर" ("तरफ" ) के साथ संख्यावाचक विशेषण आता है, तब "की' के बदले "के" का प्रयोग होता है; जैसे, "नगर के चारों ओर ( तरफ)।"] १९७-आगे, पीछे, तले, बिना आदि कई संबंधसूचक कभी कभी बिना विभक्ति के आते हैं; जैसे; पाँव तले, पीठ पोछे, कुछ दिन आगे, शकुंतला विना।
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