(आ) अरबी, फारसी शब्दों से; जैसे,
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[सूचना---इस प्रकार के शब्द अनुकरण से नये नहीं बनाये जा सकते ।]
(इ) हिंदी शब्दों से (शब्द के अंत में 'आ' करके और आद्य "अ" को ह्रस्व करके ); जैसे,
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[सूचना---इस प्रकार के शब्दों का प्रचार अधिक नहीं है। इनके बदले बहुधा संयुक्त क्रियात्रों का उपयोग होता है; जैसे, दुखाना-दुख देना; बतियाना-बात करना; अलगांना-अलग करना।]
१७८---किसी पदार्थ की ध्वनि के अनुकरण पर जो धातु बनाये जाते हैं, उन्हें अनुकरण-धातु कहते हैं। ये धातु ध्वनि-सूचक शब्द के अन्त में “आ” करके “ना” जोड़ने से बनते हैं; जैसे,
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[सूचना-ये धातु भी शिष्ट सम्मति के बिना नहीं बनाये जाते ।]
( ३ ). संयुक्त-धात
सूचना---संयुक्त-धातु कुछ कृदन्तों (धातु से बने हुए शब्दों ) की सहायता से बनाये जाते हैं, इसलिए इनका विवेचन क्रिया के रूपांतर-प्रकरण में किया जायगा।]
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