( ६५ ) (अ) "अनेक" (अन + एक) "एक" का उलटा है। इसका प्रयोग कम अनिश्चित संख्या के लिए होता है। "अनेक" और "कई” प्राय: समानार्थी हैं। उदा०-"अनेक जन्म", "कई रंग।" "अनेक" में विचित्रता के अर्थ में बहुधा “ओं” जोड़ देते हैं; जैसे, "अनेकों मनुष्य ।" (आ) "कई" के साथ बहुधा "एक" आता है। "कई एक" का अर्थ प्राय: "कई प्रकार का है और उसका पर्याय- वाची "नाना" है; जैसे, "कई एक ब्राह्मण", "नाना वृक्ष। (५) “अधिक", और "ज्यादा” तुलना में आते हैं; जैसे, "अधिक रुपये”, “ज्यादा दिन"। (६) “कम" "ज्यादा” का उलटा है और इसी के समान तुलना में आता है; जैसे, "हम यह कपड़ा कम दामों में लाये थे।" (७) "कुछ” अनिश्चयवाचक सर्वनाम होने के सिवा अनिश्चित संख्या का भी द्योतक है। यह "बहुत" का उलटा है; जैसे, "कुछ लोग", "कुछ फल", "कुछ तारे”। (८) "आदि" का अर्थ "और ऐसे ही दूसरे” है। इसका प्रयोग सर्वनाम और विशेषण दोनों के समान होता है; जैसे, “इस उपाय से उसे टोपी, रूमाल आदि का लाभ हो जाता था।" "विद्यानुरागिता, उपकारप्रियता आदि गुण जिसमें सहज हों।" "वगैरह" उर्दू ( अरवी ) शव्द है। हिंदी में इसका प्रयोग कम होता है।
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