पृष्ठ:मध्य हिंदी-व्याकरण.djvu/६७

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(आ) “एक-दूसरा” पहले कही हुई दो वस्तुओं का क्रमानुसार निश्चय सूचित करता है; जैसे, "प्रतिष्ठा के लिए दो विद्याएँ हैं, एक शस्त्र-विद्या और दूसरी शास्त्र-विद्या ।" ___(इ) “एक-दूसरा” यौगिक शब्द है और इसका प्रयोग "आपस” के अर्थ में होता है। यह बहुधा सर्वनाम के समान ( संज्ञा के बदले में ) आता है; जैसे, "लड़के एक- दूसरे से लड़ते हैं।" (ई) "और" कभी कभी "अधिक संख्या के अर्थ में भी आता है; जैसे, "मैं और आम लूंगा।" (उ) "और का और" विशेषण-वाक्यांश है और इसका अर्थ 'भिन्न होता है; जैसे, "और का और काम।" (३) “सब पूरी संख्या सूचित करता है, परंतु अनिश्चित रूप से; जैसे, "सब लड़के", "सब कपड़े", "सब भाँति"। (अ) सर्वनाम-रूप में इसका प्रयोग "संपूर्ण प्राणी, पदार्थ वा धर्म" के अर्थ में होता है; जैसे, "सब यही बात कहते हैं।" "सब के दाता राम।" "आत्मा सब में व्याप्त है।" "मैं सब जानता हूँ।" (आ) "सब का सब” विशेषण वाक्यांश है; और इसका प्रयोग "समस्तता” के अर्थ में होता है; जैसे, “सब के सब लड़के लौट आये।" .. (४) "बहुत” “थोड़े" का उलटा है; जैसे, “मुसलमान थे बहुत और हिंदू थे थोड़े।"