पृष्ठ:मध्य हिंदी-व्याकरण.djvu/४८

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(इ) "कोई" के साथ "जब" और "हर” (विशेषण) आते हैं। "सब कोई" का अर्थ "सब लोग" और "हर कोई का अर्थ "हर आदमी" होता है। उदा०-सब कोउ कहत राम सुठि साधू ।" "यह काम हर कोई नहीं कर सकता।"

(ई) किसी ज्ञात पुरुष को छोड़ दूसरे अज्ञात पुरुष का बोध कराने के लिए "कोई” के साथ "और" या "दूसरा" लगा देते हैं; जैसे, “यह भेद कोई और न जाने ।" "काई दूसरा होता तो मैं उसे न छोड़ता।"

(उ) आदर और बहुत्व के लिए भी "कोई” आता है। पिछले अर्थ में बहुधा "कोई?' की द्विरुक्ति होती है; जैसे, "मेरे घर काई आये हैं।” “काई काई पोप के अनुया- यियों ही को नहीं देख सकते।"

११०-कुछ-(एकवचन)।

इसका प्रयोग बहुधा विशेषण के समान होता है। जब इसका प्रयोग संज्ञा के बदले में होता है, तब यह नीचे लिखे अर्थो में आता है-

(अ) किसी अज्ञात पदार्थ वा धर्म के लिए; जैसे, “घी में कुछ मिला है।" "मेरे मन में आती है कि इससे कुछ पूछू।

(आ) छोटे जंतु वा पदार्थ से लिए; जैसे,“पानी में कुछ है।"

(इ) किसी ज्ञात पदार्थ वा धर्म को छोड़कर दूसरे अज्ञात 'पदार्थ वा धर्म का बोध कराने के लिए "कुछ" के साथ "और" आता है; जैसे, "तेरे मन में कुछ और ही है।"

फा.४