( २५ ) 'एक शब्द से एक ही भावना प्रकट होती है; इसलिए कोई पूर्ण विचार प्रकट करने के लिए एक से अधिक शब्दों का काम पड़ता है। 'श्राज तुझे क्या सूझी है ?'--यह एक पूर्ण विचार अर्थात् वाक्य है और इसमें पाच शब्द हैं-श्राज, तुझे, क्या, सूझी, है। इनमें से प्रत्येक शब्द एक स्वतंत्र सार्थक ध्वनि है और उससे कोई एक भावना प्रकट होती है। . ६४-भाषा में कुछ ध्वनियाँ ऐसी होती हैं जो स्वयं ! सार्थक नहीं होती, पर जब वे शब्दों के साथ जोड़ी जाती हैं तब सार्थक हो जाती हैं। ऐसी परतंत्र ध्वनियों को शब्दांश कहते हैं; जैसे, ता, पन, वाला, ने, को, इत्यादि। जो शब्दांश । किसी शब्द के पहले जोड़ा जाता है, उसे उपसर्ग कहते हैं; और जो शब्दांश शब्द के पीछे जोड़ा जाता है वह प्रत्यय कहलाता है; जैसे, 'अशुद्धता' शब्द में 'अ' उपसर्ग और ) “ता' प्रत्यय है। ६५---परस्पर संबंध रखनेवाले दो या अधिक शब्दों को, 'जिनसे पूरी बात नहीं जानी जाती, वाक्यांश कहते हैं; जैसे, "घर का घर', 'सच बोलना', 'दूर से आया हुआ। ६६--एक पूर्ण विचार व्यक्त करनेवाला शब्द-समूह वाक्य कहलाता है; जैसे, लड़के फूल चुन रहे हैं: विद्या से नम्रता प्राप्त होती है।
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