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दूसरा भाग शब्द-साधन पहला परिच्छेद शब्द-भेद पहला अध्याय शब्द-विचार ६२-शब्द-साधन व्याकरण के उस विभाग को कहते हैं जिसमें शब्दों के भेद, रूपांतर और व्युत्पत्ति का निरू- ती पण किया जाता है। ३-एक या अधिक अक्षरों से बनी हुई स्वतंत्र सार्थक ध्वनि को शब्द कहते हैं; जैसे, लड़का, जा, छोटा, मैं, धीरे, परंतु। (अ) शब्द अक्षरों से बनते हैं। 'न' और 'थ' के मेल से 'नथ" और 'थन' शब्द बनते हैं; और यदि इनमें 'श्रा' का योग कर दिया जाय तो 'नाथ', 'थान', 'नथा', 'थाना', श्रादि शब्द बन जायगे। . (आ) सृष्टि के संपूर्ण प्राणियों, पदार्थों, धर्मों और उनके सबार प्रकार के संबंधों को व्यक्त करने के लिए शब्दों का उपयोग होता है।