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जायसी ग्रंथावली

( संशोधित संस्करण ).

संपादक---श्रीयुत पं० रामचंद्र

कविवर मलिक मुहम्मद जायसी का वत" हिंदी के सर्वोत्तम प्रबंध काव्यों में है। के माधुर्य और भावों को गंभीरता के .. बहुत ही उच्च कोटि का है। पर एक तो ." अवधी, दूसरे भाव गंभीर, और तीसरे । इसका कोई शुद्ध और सुंदर संस्करण नही इसका पठन-पाठन अब तक बंद सा था । इसका बहुत सुंदर और शुद्ध संस्करण आई प्रति पृष्ठ में कठिन शब्दों के अर्थ तथा दूसरे दे दिये हैं, जिससे यह काव्य साधारण समझने योग्य हो गया है। पुस्तक का शुद्ध किया गया है। प्रारंभ में इसके से हस्त समालोचक ने प्रायः ढाई सौ पृष्ठों. आलोचना कर दी है, जिसके कारण सोने गई है। अंत में जायसो का अखरावट नाम है। बड़े आकार के प्रायः ७०० पृष्ठों की का मूल्य केवल ३१, है।


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