( २२० ) ( क ) संज्ञा. वा संज्ञा के वाक्यांश-नौ दिन चले अढ़ाई कास। (ख) क्रिया-विशेषण के समान उपयोग में आनेवाला विशेषण-वह अच्छा लिखता है। स्त्री मधुर गाती है । (ग) विशेष्य के परे आनेवाला विशेषण-स्त्रियाँ उदास : बैठी थीं। उसका लड़का भला चंगा खड़ा है। . . . (घ.) पूर्ण तथा अपूर्ण क्रियाद्योतक कृदंत-लड़का बैठे बैठे उकता गया । स्त्री बकते बकते चली गई। . .. . __ (ङ) पूर्वकालिक कृदंत-वह उठकर भागा । तुम दौड़कर चलते हो । वे नहाकर लौट आये। :: : ( च ) तत्कालबोधक कृदंत-उसने आते ही उपद्रव मचाया। स्त्री गिरते ही मर गई । वह लेटते ही सो जाता है। । . (छ) स्वतंत्र वाक्यांश-इससे थकावट दूर होकर अच्छी नींद आती है । तुम इतनी रात गये क्यों आये ? (ज) क्रिया-विशेषणं और क्रिया-विशेषण वाक्यांश--गाड़ी जल्दी चलती है। राजा आज अग्ये। चोर कहीं न कहीं छिपा है। . . . . . . (झ) संबंध-सूचकांत शब्द-चिड़िया. धोती समेत उड़ गई । वह भूख के मारे मर गया । मैं उनके यहाँ रहता हूँ। (ब) कर्ता,कर्म और संबंध कारकों को छोड़ शेष कारक- - मैंने. चाकू से फल काटा । वह नहाने को गया है। . · [ सूचना-एक से अधिक विधेय-वर्धक एक ही साथ उपभोग में भा
पृष्ठ:मध्य हिंदी-व्याकरण.djvu/२२५
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।