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आ+ए = ऐ——सदा+एव = सदैव।
आ+ऐ = ऐ——महा+ऐश्वर्य = महैश्वर्य।
अ+ओ = औ——जल+ओध = जलौघ।
आ+ओ = औ——महा+ओज = महौज।
अ+औ = औ——परम+औषध = परमौषध।
आ+औ = औ——महा+औदार्य = महौदार्य।
४६——ह्रस्व वा दीर्घ इकार, उकार वा ऋकार के आगे कोई असवर्ण स्वर आवे तो इ ई के बदले य्, उ ऊ के बदले व्, और ऋ के बदले र् होता है। इस विकार को यण कहते हैं। जैसे--
(क) इ+अ = य——यदि+अपि = यद्यपि।
इ+आ = या——इति+आदि = इत्यादि।
इ+उ = यु——प्रति+उपकार = प्रत्युपकार।
इ+ऊ = यू——नि+ऊन = न्यून ।
इ+ए = ये——प्रति+एक = प्रत्येक।
ई+अ = य——नदी+अर्पण = नद्यर्पण।
ई+आ = या——देवी+आगम = देव्यागम।
ई+उ = यु——सखी+उचित = सख्युचित।
ई+ऊ = यू——नदी+ऊर्मि = नद्यूर्मि।
ई+ऐ = यै——देवी+ऐश्वर्य = देव्यैश्वर्य।
(ख) उ+अ = व——मनु+अंतर = मन्वंतर।
उ+आ = आ——सु+आगत = स्वागत।