विश्वास के--संज्ञा, भाववाचक, पुल्लिंग, एकवचन,. संबंधकारक, संबंधी शब्द 'योग्य' ।। __ योग्य-विशेषण, गुणवाचक, विशेष्य 'वह', पुल्लिंग, एकवचन, विधेय-विशेषण। इसका प्रयोग संबंधसूचक के समानं हुआ है। . ' नहीं-क्रियाविशेषण, निषेधवाचक, विशेष्य "है”। है-स्थितिबोधक अकर्मक अपूर्ण क्रिया, कर्तृवाच्य, निश्चयार्थ, सामान्य वर्तमान-काल, अन्यपुरुष, पुल्लिंग, एक-. वचने, 'वह' कर्ता से अन्वित, कर्तरिप्रयोग । 'योग्य' पूर्ति है। (ख) कठिन वाक्य-रचना के शब्द . . - इन शब्दों के उदाहरणों में प्रत्येक शब्द की .व्याख्या न देकर केवल मुख्य मुख्य शब्दों की व्याख्या-दी जायगी। किसी किसी शब्द को व्याख्या में केवल मुख्य बातें ही कही जायेगी। (१) सिंह दिन को सोता है। दिन को-अधिकरण के अर्थ में संप्रत्यय कर्मकारक । (२) मुझे वहां जाना था। मुझे-पुरुषवाचक सर्वनाम, वक्ता के नाम की ओर संकेत करता है, उत्तम पुरुष, उभयलिंग, एकवचन, कर्ता के अर्थ में संप्रदान-कारक,. "जाना था' क्रिया से संबंध । . . . : .. , जाना था-अावश्यकताबोधक संयुक्त क्रिया ,अकर्मक, कतृ वाच्य,. निश्चयार्थ, सामान्य भूतकाल, अन्यपुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता 'मुझे', भावेप्रयोग। (३) संवत् १६५७ वि० में बड़ा अकाल पड़ा था। संवत्-अधिकरण कारक। । ...
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