(२१० ) जैसे-तैसे आदि बहुधा वाक्य के प्रारंभ में आते हैं; जैसे, जब मैं बोलू तब तुम तुरंत उठकर भागना । ३६२-निषेधवाचक अव्यय नहीं और मत बहुधा क्रिया के पूर्व या पीछे आते हैं; जैसे, वह नहीं गया। तुम मत आओ । उसने आपको देखा नहीं। उसे बुलाना मत। 'न' बहुधा क्रिया के पूर्व आता है; जैसे, वह न गया। ३६३-संबंधसूचक अव्यय जिस संज्ञा से संबंध रखते हैं, उसके पीछे आते हैं; पर मारे, बिना, सिवा आदि कुछ अव्यय इसके पूर्व भी आते हैं; जैसे, दरजो कपड़ों समेत तर हो गया। लड़की मारे भूख के मर गई। ३६४--समुच्चयबोधक अव्यय जिन शब्दों अथवा वाक्यों को जोड़ते हैं, बहुधा उनके बीच में आते हैं; जैसे, हम उन्हें सुख देंगे, क्योंकि उन्होंने हमारे लिए बड़ा तप किया है। . ३६५–विस्मयादि-बोधक और संबोधन-कारक बहुधा वाक्य के आरंभ में आते हैं; जैसे, अरे! यह क्या हुआ ? मित्र, मेरे पास आयो। तीसरा अध्याय व्याख्या (पद-परिचय). . .. : .. ३६६-वाक्य का अर्थ पूर्णतया समझने के लिए व्याकरण शास्त्र की सहायता आवश्यक है और यह आवश्यकता वाक्यगत
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