पृष्ठ:मध्य हिंदी-व्याकरण.djvu/२१३

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दूसरा अध्याय पदक्रम - ३८१-वाक्य में बहुधा पहले कर्ता वा उद्देश्य, फिर कर्म वा पूर्ति और अंत में क्रिया रखते हैं; जैसे, लड़का पुस्तक पढ़ता है। सिपाही सूबेदार बनाया गया। मोहन चतुर जान पड़ता है। हवा चली। ३८२-द्विकर्मक क्रियाओं में गौण कर्म पहले और मुख्य कर्म पीछे आता है; जैसे, हमने अपने मित्र को चिट्ठी भेजी। ३८३-दूसरे कारकों में आनेवाले शब्द उन शब्दों के पूर्व आते हैं जिनसे उनका संबंध रहता है, जैसे, मेरे मित्र की चिट्ठी कई दिन में आई। ३८४-विशेषण संज्ञा के पहले और क्रियाविशेषण (वा क्रिया- विशेषण-वाक्यांश) बहुधा क्रिया के पहले आते हैं; जैसे, एक भेड़िया किसी नदी में ऊपर की तरफ पानी पी रहा था । ___३८५-अवधारण के लिए ऊपर लिखे क्रम में बहुत कुछ अंतर पड़ जाता है; जैसे- ___ (अ) कर्ता और कर्म का स्थानांतर-लड़के को मैंने नहीं देखा। (आ) संप्रदान का स्थानांतर.--तुम यह चिट्ठी मंत्री केा देना।