यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
(१८)
उ+ऊ = ऊ——लघु+ऊर्मि = लघूर्मि।
ऊ+ऊ = ऊ——भू+ऊर्ध्व = भूर्ध्व।
ऊ+उ = ऊ——वधू+उत्सव = वधूत्सव।
४४--यदि अ वा आ के आगे इ वा ई रहे तो दोनों मिलकर ए; उ वा ऊ रहे तो दोनों मिलकर ओ; और ऋ रहे तो अर् हो जाता है। इस विकार को गुण कहते हैं।
उदाहरण
अ+इ = ए——देव+इंद्र = देवेंद्र।
अ+ई = ए——सुर+ईश = सुरेश।
आ+इ = ए——महा+इंद्र = महेंद्र।
आ+ई = ए——रमा+ईश = रमेश।
अ+उ = ओ——चंद्र+उदय = चंद्रोदय।
अ+ऊ = ओ——समुद्र+ऊर्मि = समुद्रोर्मि।
आ+ उ = ओ——महा+उत्सव = महोत्सव।
आ+ऊ = ओ——महा+ऊरु = महोरु।
अ+ऋ = अर्——सप्त+ऋषि = सप्तर्षि।
आ+ऋ = अर्——महा+ऋषि = महर्षि।
४५--अकार वा आकार के आगे ए वा ऐ हो तो दोनों मिलकर ऐ; और ओ वा औ रहे तो दोनों मिलकर औ होता है। इस विकार को वृद्धि कहते हैं। यथा--
अ+ए = ऐ——एक+एक = एकैक।
अ+ऐ = ऐ——मत+ऐक्य = मतैक्य।