पृष्ठ:मध्य हिंदी-व्याकरण.djvu/२०५

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( २०० ) ३५८-सामासिक शब्दों का संबंध व्यक्त कर दिखाने की रीति को विग्रह कहते हैं । “धन-संपन्न" समास का विग्रह "धन से संपन्न" है, जिससे जान पड़ता है कि “धन” और "संपन्न" शब्द करण-कारक से संबद्ध हैं।। ___ ३५६-किसी सामासिक शब्द में विभक्ति लगाने का प्रयोजन हो तो उसे समास के अंतिम स्वर में जोड़ते हैं; जैसे, माँ-बाप से राजकुल में, भाई-बहिनों का,। ___ ३६०-समासों के मुख्य चार भेद हैं। जिन दो शब्दों में समास होता है, उनको प्रधानता अथवा अप्रधानता के तत्त्व पर ये भेद किये गये हैं। . जिस समास में पहला शब्द प्रायः प्रधान होता है, उसे अव्ययी- भाव समास कहते हैं। जिस समास में दूसरा शब्द प्रधान रहता है, उसे तत्पुरुष कहते हैं। जिसमें दोनों पद प्रधान होते हैं, वह द्वंद्व कहलाता है। जिसमें कोई शब्द प्रधान नहीं होता, उसे बहुब्रोहि कहते हैं। कर्मधारय और द्विगु तत्पुरुष के उपभेद हैं। ____३६१-जिस समास में पहला शब्द प्रधान होता है और जो समूचा शब्द क्रिया-विशेषण अव्यय होता है, उसे अव्ययी-. भाव समास कहते हैं; जैसे, यथाविधि, प्रतिदिन । . ३६२-यथा ( अनुसार ), आ ( तक ), प्रति (प्रत्येक), यावत् (तक), वि. ( बिना) से बने हुए संस्कृत अव्ययीभाव । समास हिंदी में बहुधा आते हैं; जैसे, यथास्थान, आजन्म, यावज्जीवन, प्रतिदिन, व्यर्थ ।