पृष्ठ:मध्य हिंदी-व्याकरण.djvu/१४७

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

( १४२ ) विशेषणों की तुलना २८४-हिंदी में विशेषणों की तुलना करने के लिए उनमें कोई विकार नहीं होता। यह अर्थ बहुधा नीचे लिखे नियमों के द्वारा सूचित किया जाता है। (अ) दो वस्तुओं में से किसी के भी गुण का न्यूनाधिक भाव सूचित करने के लिए जिस वस्तु के साथ तुलना करते हैं, उसका नाम (उपमान ) अपादान-कारक में लाया जाता है और जिस वस्तु की तुलना करते हैं, उसका नाम ( उपमेय ) गुण-वाचक विशेषण के साथ श्राता है; जैसे, "मारनेवाले से पालनेवाला बड़ा होता है।" "कारण ते कारज कठिन होइ।" (या) अपादान-कारक के बदले बहुधा संज्ञा के साथ "अपेक्षा वा , "अनिस्वत" का उपयोग किया जाता है और विशेषण. (अथवा संज्ञा के संबंध-कारक) के साथ अर्थ के अनुसार "अधिक" वा "कम" शब्दों का प्रयोग होता है; जैसे, वह लड़की "राज-कन्या की अपेक्षा अधिक संदरी, सुशीला और सच्चरित्रा है।" "मेरा जमाना बंगालियों की बनिस्बत तुम फिरंगियों के लिए ज्यादा मुसीबत का था।" "हिंदुस्तान में इस समय और देशों की अपेक्षा सच्चे सावधान बहुत कम हैं।" (इ) सर्वोत्तमता सूचित करने के लिए विशेषण के पहले "सबसे" लगाते हैं और उपमान को अधिकरण-कारक में रखते हैं; जैसे, "सबसे घड़ी हानि।" "है विश्व में सबसे बली सर्वांतकारी काल ही। -