कारक कर्ता ( १३६ ) प्रश्नवाचक सर्वनाम "कौन" के विकृत रूप “किस" में अव- धारणबोधक "ई" प्रत्यय लगाने से बना है। "कोई" की कारकरचना केवल एकवचन में होती है, परंतु इसके रूपों की द्विरुक्ति से बहुवचन का बोध होता है। अनिश्चयवाचक "काई" एक० कोई किसी ने कर्म-संप्रदान किसी को [सूचना-कोई कोई वैयाकरण इसके बहुवचन रूर "किन" के। नमूने पर "किन्हीं ने", "किन्हीं को' श्रादि लिखते हैं, पर ये रूप शिष्ट-सम्मत नहीं हैं।] ____२७६-अनिश्चयवाचक सर्वनाम "कुछ” को कारक- रचना नहीं होती । "क्या" के समान यह केवल विभक्ति- रहित, कर्ता और कर्म के एकवचन में आता है; जैसे, “पानी मं कुछ है।" "लड़के ने कुछ फेंका है।" जब "कुछ" का प्रयोग "कोई" के अर्थ में संज्ञा के समान होता है, तब उसकी कारक-रचना बहुवचन के अर्थ में होती है; जैसे, "उनमें से कुछ ने इस बात को स्वीकार करने की कृपा दिखाई।" "कुकू. ऐसे हैं ।" "कुछ की भाषा सहज है।" .२७७–निजवाचक "आप", "क्या" और "कुछ" को छोड़ शेष सर्वनामों के आदरार्थ बहुवचनरूपों के साथ, बहुत्क
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