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( १३३ ) २६६-पुरुष-वाचक सर्वनामों की कारक-रचना नीचे दी जाती है- उत्तमपुरुष "मैं, एक. बहु० कारक कर्ता कर्म-संप्रदान करण-अपादान संबंध मैंने मुझको, मुझे मुझसे मेरा-रे-री हमने हमको, हमें हमसे हमारा-रे-री. अधिकरण मुझमें हसमें मध्यमपुरुष "तू" कर्ता तुम तूने तुमने , कर्म-संप्रदान " तुझको, तुझे तुमको, तुम्हें करण-अपादान तुझसे तुमसे संबंध तेरा-रे-री तुम्हारा-रे-री अधिकरण धिकरण तुझमें (अ) पुरुष-वाचक सर्वनामों की कारक-रचना में कर्ता को छोड़-. कर शेष कारकों के एकवचन का विकृत रूप "मैं" का "मुझ" और "तू" का "तुझ" होता है। संबंध-कारक के दोनों वचनों में "मैं" का विकृत रूप क्रमशः "मे" और "हमा", और "तू" का "ते" और "तुम्हा" होता है। विभक्ति-सहित कर्ता के दोनों वचनों में और तुममें