एकवचन बहुवचन एकवचन बहुवचन. आप आप तुम जो यह कोन कौन the कोई क्या क्या कोई कुछ कुछ २६५-विभक्ति के योग से अधिकांश सर्वनाम दोनों वचनों में विकृत रूप में आते हैं। "कोई" और निजवाचक “आप” को कारक-रचना केवल एकवचन में होती है । "क्या?' और "कुछ” का कोई रूपांतर नहीं होता; उनका प्रयोग केवल विभक्ति-रहित कर्ता और कर्म में होता है। २६६.-"आप", "कोई", "क्या" और "कुछ" को छोड़कर, शेष सर्वनामों के कर्म और संप्रदान कारकों में "को" के सिवा एक और विभक्ति ( एकवचन में “ए” और बहुवचन में "ए" ) आती है। २६७---पुरुष-वाचक सर्वनामों में, संबंध-कारक की "का- के-की” विभक्तियों के बदले "रा-रे-री" आती हैं और निज- वाचक सर्वनाम में "ना-ने-नी" विभक्तियाँ लगाई जाती हैं। २६८-सर्वनामों में संबोधन-कारक नहीं होता, क्योंकि जिसे पुकारते या चेताते हैं, उसका नाम या उपनाम लेकर हो ऐसा करते हैं। .
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