पृष्ठ:मध्य हिंदी-व्याकरण.djvu/११६

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( १११ ) स्त्री-प्रत्यय २२३-अब उन विकारों का वर्णन किया जाता है जो संज्ञाओं में लिंग के कारण होते हैं। हिंदी में पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाने के लिए नीचे लिखे प्रत्यय आते हैं- ई, इया, इन, नी, आनी, प्राइन, आ। १-हिंदी शब्द २२४-कई एक प्राणिवाचक और संबंधवाचक आका- रांत पुल्लिंग संज्ञाओं के अंत्य स्वर के बदले "ई" लगाई जाती लड़का-लड़की घोड़ा-घोड़ी बेटा-बेटी बकरा-बकरी काका-काकी नाना-नानी मामा-मामी . साला-साली (अ) निरादर या प्रेम में कहीं कहीं "ई" के बदले "इया" आता है; और यदि अंत्याक्षर द्वित्व हो, तो पहले व्यंजन का लोप हो जाता है ; जैसे- कुत्ता-कुतिया बुड्दा-बुढ़िया . बच्छा-बछिया बेटा-विटिया २२५--कई एक वर्णवाचक तथा व्यवसायवाचक और कुछ प्राणिवाचक संज्ञाओं के अंत्य स्वर में "इन" लगाया जाता