__ [४] बुद्ध-चरित लेखक-श्रीयुक्त पं० रामचंद्र शुक्ल यह अंग्रेजी के प्रसिद्ध कवि सर एडविन आर्नल्ड के "लाइट आफ एशिया" के आधार पर स्वतंत्र ललित काव्य है। यद्यपि इसका ढंग ऐसा रखा गया है कि एक स्वतंत्र हिन्दी काव्य के रूप में इसका ग्रहण हो, पर साथ ही मूल पुस्तक के भावों को रक्षित रखने का भी पूर्ण प्रयत्न किया गया है। कविता बहुत ही मनोहर, मधुर, सरस और प्रसाद गुणमयी है जिसे पढ़ते ही चित्त प्रसन्न हो जाता है। छप्पन पृष्ठों की भूमिका में काव्य- भाषा ( ब्रज और अवधी ) पर बड़ी मार्मिकता से विचार किया गया है, जिसकी बड़े बड़े विद्वानों से मुक्त कंठ से प्रशंसा की है। दो रंगीन और चार सादे चित्र भी दिए गए हैं जिनमें दो सहस्र वर्ष पहले के दृश्य दिखलाये गये हैं। पृष्ठ संख्या प्रायः तीन सौ। मू० केवल २॥) [५] ज्ञान-योग .. दूसरा खंड अनुवादक-श्रीयुक्त वा० जगन्मोहन वर्मा - यह स्वामी विवेकानंद जी के ज्ञान-योग संबंधी व्याख्यानों का, जो स्वामी जी ने समय समय पर युरोप और अमेरिका में दिये थे, संग्रह है। सूर्यकुमारी पुस्तकमाला की पहली पुस्तक
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