पृष्ठ:भूषणग्रंथावली.djvu/११०

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[ १९ ] उपमेयोपमा लक्षण-दोहा जहाँ परस्पर होत हैं उपमेयो उपमान । भूपन उपमेयोपमा ताहि वखानत जान ।। ५३ ।। उदाहरण-कवित्त मनहरण तेरो तेज, सरजा समत्थ ! दिनकर सो है, दिनकर सोहै तेरे तेज के निकर सो। भौसिला भुवाल ! तेरो जस हिमकर सोहै हिमकर सोहै तेरे जस के अकर सो॥ भूषन भनत तेरो हियो रतनाकर सो रतनाकरौ है तेरे हिय सुखकर सो। साहि के सपूत सिव साहि दानि ! तेरो कर सुरतरु सो है, सुरतरु तेरे कर सो।।५४।। मालोपमा लक्षण-दोहा जहाँ एक उपमेय के होत बहुत उपमान । • ताहि कहत मालोपमा भूपन सुकवि सुजान ।। ५५ ॥ उदाहरण-कवित्त मनहरण इन्द्र जिमि जंभ पर बाड़व सुअंभ पर रावन सदंभ पर रघुकुल राज है। पौन बारिवाहे पर संभु रतिनाह पर ज्यों सहस- , आकर, कान (खानि )। २ वादल।