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८६ भूगोल [वर्ष १६ राज्य के अन्दर हिन्दी का प्रयोग कचहरियों अदालत सेशन की अदालतें हैं। सर्वोपरि राजदरबार में होता है। केवल फौजदारी के न्याय और पोलीटि- की कचहरी है। कल एजेन्ट से लिखा पढ़ी उर्दू में होती है। अदालत-फौजदारी- शासन विभाग- इसमें भी तहसीलदार सब छोटे होते हैं राज्य पांच तहसीलों में बँटा है। टीकमगढ़ और इनको दूसरे या तीसरे दर्जे का अधिकार होता प्रधान केन्द्र और राजधानी है । टीकमगढ़, बलदेव- है। एक माह से ६ माह तक की सजा और ५०) गढ़, जतारा, ओरछा, तहरौली तहसीले हैं । पहाड़- २००) रुपये तक जुर्माना कर सकते हैं। सिंहपुर तहसील हैदराबाद राज्य के औरंगाबाद इसके ऊपर मजिस्ट्रेट नम्बर अव्वल, डिस्ट्रिक्ट ताल्लुका में है। सब से बड़ी तहसील जतारा की है। मजिस्ट्रेट और सेशन जज होते हैं। इन लोगों के इसका क्षेत्रफल ६०२ वर्ग मील है । सब से छोटी वही अधिकार हैं जो क्रिमिनल प्रोसीजर कोड आफ तहसील तहरौली है । इसका क्षेत्रफल २३७ मील ब्रिटिश इन्डिया में लिखे हैं। है । प्रत्येक तहसील एक तहसीलदार के अधिकार फांसी आदि के मामले में सेशन जज को राजा में है । सभी रेवन्यू, फौजदारी व माल के काम उसके की आज्ञा लेनी पड़ती है । अधिकार में हैं। इन तहसीलदारों को रेवन्यू सम्बन्धी राजा के यहां अपील नीचे की कचहरियों की मामलों में दूसरे दर्जे के असिस्टेन्ट कलेक्टर का बड़ी कचहरियों द्वारा होती है । अधिकार है । और ये इन मामलों में सीधे रेवन्यू राज्य की आय ५३,८२,००० रु० सालाना है। विभाग के अधिकार में हैं। इनको इनकी योग्यता सन्धि १८०२- के अनुसार दूसरे और तीसरे दर्जे के मजिस्ट्रेटों २३ दिसम्बर सन् १८०२ को बांदा में महाराजा- का अधिकार दिया जाता है। धिराज महेन्द्र विक्रमाजीत बहादुर राजा ओरछा फौजदारी, माल, फांसी व मुक्ति के मामलों में राज और अंग्रेज सरकार के बीच सन्धि हुई । इसके आखिरी निर्णय महाराजाधिराज का ही होता है। अनुसार दोनों राज्यों में दोस्ती हो गई । राजा ने प्रत्येक गांव में ज़मींदार या महाते अगुवा समझा वादा किया कि आज की तारीख से वह अंग्रेज सर- जाता है । अगर किसी गांव में अधिक महाते हुए कार के दोस्तों को दोस्त और दुश्मनों को दुश्मन तो उनमें से अगुवा चुना जाता है और वह भले समझेगा। वह बिना अंग्रेज सरकार की आज्ञा के न आदमियों की पंचायत की सहायता से छोटे मोटे तो किसी दूसरे राज्य से सन्धि करेगा और न लड़ाई मामलात तै करता है। प्रत्येक गांव में पटवारी होता है जो दरबार पियन को बिना आज्ञा अंग्रेज सरकार के नौकरी न ही करेगा। राजा किसी भी अंग्रेजी प्रजा या योरु- से वेतन पाता है और भूमि-सम्बन्धी सभी कार्य देगा। अंग्रेज सरकार ने वादा किया कि वह सदैव करता है। राज्य की रक्षा बाहरी आक्रमणों से करेगी और जो कुछ भी झगड़े दूसरे राज्यों से पड़ेंगे उसे वह किसी तहसीलदारों की कचहरियाँ सबसे छोटी माल न किसी तरह निपटारा करा देगी। अंग्रेज सरकार के मामले में होती हैं और वह ५०) रुपये तक के की ओर से जॉन वाचदोय थे और राजा की ओर मामलात ते करते हैं। इसके ऊपर मुंसिफ, नाजिम, से धाकुनलाल वकील थे। अदालत माल-