अङ्क १-४] हैदराबाद की प्रगति श्रौद्योगित प्रगति :- लिये राज्य ने एक उपयुक्त योजना बनाई है। उसके राज्य के भिन्न भिन्न भागों में छोटे बड़े बहुत से लिये सेन्ट्रल बोर्ड स्थापित किया गया है। जिसके उद्योग धन्धे कायम हैं। नांदेड़ में उस्मानिया मिल साथ जिलों और तालुकों की शाखायें संयुक्त हैं । है जिसमें २४७०० स्पिन्डल्स और ४६९ लूम्स हैं- जिसके सदस्य सरकारी और गैरसरकारी मेम्बर हैं २४०० मजदूर काम करते हैं और कम्पनी का प्राप्त इस कार्य चुने हुये परिवारों का सहयोग प्राप्त किया मूलधन ५० लाख रुपया है । सन् ३८ में इसमें लग जायगा। ग्राम-स्कूल अध्यापक और ग्राम-पटेल इसके भग ५१ लाख पौंड सूत तथा ४१ लाख पौंड के लग संचालक होंगे। आशा है कि इसके द्वारा कृषि-कार्य, भग कपड़ा तैयार हुआ जिसमें राज्य में १७५०० रुई पशुओं की नस्ल सुधार और घरेलू उद्योग धन्धों की गढ़ाने खपी। वारंगल में अाजमशाही मिल्स १९३४ उन्नति, शिक्षा सुधार, जन स्वास्थ्य और सार्वजनिक में स्थापित हुई, इसमें १९५०० स्पिन्डल्स और ४२४ संवा के अन्य कार्यों में सहयोग मिलेगा। निजाम लूम्स हैं। मिल में २४०० मजदूर काम करते हैं सागर इलाके के ८५ गाँवों में ग्राम-सुधार का कार्य और इसका प्राप्त मूलधन १९ लाख रुपये हैं। इसमें पहले से ही आरम्भ हो गया है। इसके अतिरिक्त लगभग १९८०० गांठ रुई खपी और लगभग ३० राज्य के १०४ तालुकों में हर तालुके से एक या एक लाख पौंड कपड़ा तैयार हुआ। ये दोनों मिनें सर से अधिक ग्राम इस कार्य के लिये चुने गये हैं । कार द्वारा संचालित हैं। आर्थिक संकट के कारण सहयोगिता के आंदोलन में शिथिलता आई है, लेकिन इन संस्थाओं की संख्या शाहाबाद सिमेन्ट फैक्ट्री अपने ढंग की निराली है। जो पहले ५०० थी अब ३००० है इनमें से एक डुमि- जिसमें १४०००० टन पोर्टलेण्ड मोमेन्ट तैयार होता नियन बैंक है, सेन्ट्रल बैंक द्वारा संचालित और ३९ है । य: सीमेन्ट स्टेट के बाहर प्रसिद्ध रेलवे कम्पनियों बैंक हैं। २४३५ कृपि संस्थायें हैं, और ४७४ गैर और पबलिक वर्क्स डिपार्टमेन्टों ने भी खरीदा है। यह अभी हाल में एसोसियेटेड सीमेन्ट कम्पनीज में कृषि संस्थायें, इन संस्थाओं को पूंजी २ करोड २५ सम्मिलत हो गई है। इसके अतिरिक्त और बहुत सी लाख से २ करोड ४६ लाख हो गई है। यह आंदोलन जिनिंग और प्रेसिंग मिल्स हैं । सिगरेट, दियासलाई, स्वावलम्बी है। चावल, तेल, बाट इत्यादि की बहुत सी फेक्टरियाँ हैं। शिक्षा का पुनसंगठन :- निजाम सागर इलाके में वोधान में भी एक बहुत बड़ी शुगर फैक्टरी स्थापित हुई है। इसमें ३५ लाख शेयर की आर्थिक कठिनाइयों का सामना करने के योग्य शिक्षितों की बेकारी दूर करने और उन्हें आज कैपिटल रक्खा गया है और अधिकांश शेयस निजाम बनाने की दृष्टि से शिक्षा का पुनर्निर्माण करने के लिये सरकार के ही हैं। एक पल्प और पेपर मिल खोलने का कार्य भी समाप्ति पर है । और भी बहुत से घरेलू शिक्षा कार्य ४ भागों में नियुक्त होगा। प्राथमिक एक उपयुक्त योजना बनाई गई है। इसके अनुसार उद्योग-धन्धे प्रचलित हैं। स्टेट को अपने बीडी, तार, ५ वर्ष तक, सैकण्डरी ४ वर्ष तफ, इसमें साधारण वारंगल गलीचे, करीम नगर सिल्वर वर्क्स निर्मल टाय इन्सीट्यूट पेठन के गोल्डकेस वर्क्स और औरंगा- आधार-शिला होगी। उच्च और औद्योगिक शिक्षण व्यापक ज्ञान दिया जायगा जो उच्च शिक्षा की बाद के हिमरूविविंग के लिये अभिमान है। इसके के लिये भी पाठ्यक्रम होगा और उन्हें युनिवर्सिटी, अतिरिक्त यहाँ पर एनामेल बटनों का कार्य महत्वपूर्ण क्लेरिकल ट्रेनिंग, एग्रीकल्चर ट्रेनिंग और औद्योगिक है जो भारतवर्ष में कहीं नहीं होता। यहाँ १०-१२ ट्रेनिंग की शिक्षा दी जायगी। अन्त में युनिवर्सिटी । बटन फैक्टरियाँ हैं जिसमें प्रकाश बटन फैक्ट्री विशेष का कार्यक्रम होगा। सैकण्डरी और हाई स्कूल शिक्षा- उल्लेखनीय है। संचालनार्थ एक शिक्षा-मंडल होगा। अनिवार्य शिक्षा ग्राम सुधार :- राज्य भर में प्रचलित की जायगी । अब भी मातृभाषा, ग्राम-सुधार का कार्य व्यवस्थित रूप से चलाने के तेलंगी, मराठी, कनाड़ी और हिन्दुस्तानी में मुफ्त शिक्षा
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