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[वर्ष १६ भूगोल तुजीराव द्वितीय ( १८४४-८६ )- १६०३ तक राज किया । बाद शिवाजीराव के तुकोजी तुकोजी ने अंग्रेजों के साथ मित्रता का सम्बन्ध राव १६०३ में गद्दी पर बैठे। वर्तमान नरेश हिज हाईनेस महाराजाधिराज रक्खा.। उस समय एच० एम० ड्यूरण्ड अँग्रेज़ एजेन्ट था। द्रावर्स भी ड्यूरण्ड के साथ ही मौजूद था। राजराजेश्वर सवाई श्री यशवन्तराव होल्कर बहा- ड्यूरण्ड गद्द ने १४ मई १८५७ को सुना कि मेरठ में दुर जी० सी० आई० ई० हैं । आप को १६ बन्दूकों विद्रोह हो गया, फिर २८ मई को नसीराबाद में,३ जून की सलामी मिलती है और आप चैम्बर ऑफ को नीमच में और ७ को झाँसी में और १४ जून को प्रिन्सेज़ के मेम्बर हैं । आप के राज्य की आय गवालियर में विद्रोह हो गया। ड्यूरण्ड को शक होल्कर १,३५,००,००० रुपया सालाना है । महाराजाधिराज पर भी था कि कहीं वह भी विद्रोह न कर बैठे। ऐसी बड़े उत्साही व्यक्ति हैं। आप ने स्थानीय स्वतन्त्रता ही अवस्था में ३० जून को एक नौकर ने ड्यूरण्ड से देने के लिये इन्दौर नगर और दूसरे चार-पाँच नगरों कहा कि रेजीडेन्सी पर हमला होने वाला है। ऐसी में म्युनिस्पैलिटियाँ कायम की हैं। इन्दौर नगर की दशा में होल्कर ने कहा कि ड्यूरण्ड अपने लड़के म्युनिसिपैलिटी स्वयं अपना प्रबन्ध करती है । देहातों बालों को बाहर भेज दें और स्वयं भी अपना में गाँव-गाँव पंचायतें खोली गई हैं। इन्तजाम करें किन्तु ड्यूरण्ड ने सलाह न मानी महाराज की सहायता के लिये मन्त्रियों की एक दूसरे दिन इन्दौर बाजार में विद्रोह हो गया तब तो सभा है जिसके प्रधान श्री० सर्वमल बापाना हैं। ड्यूरण्ड के कान खड़े हुए और वह सीहोर चला गया। क़ानून बनाने के लिये भी एक सभा है जिसके सदस्यों ४ जुलाई को विद्रोहियों ने इन्दौर की बरबादी को बहस करने और राय देने की स्वतन्त्रता है। कर डाली । नवीं जुलाई को म्हो में विद्रोह हुआ, किसानों को अच्छी सुविधायें प्रदान करता है । प्रत्येक राज्य के अन्दर लैण्ड रिवीन्यू एक्ट प्रचलित है जो कमान्डर हङ्गर फोल्ड ने शान्ति स्थापित करने के लिये विद्रोहियों का मुकाबिला किया। कुछ दिनों के किसान को अपने खेतों पर सर्वाधिकार राज्य की बाद विद्रोहियों की शक्ति को अंग्रेजों ने होल्कर की ओर से मिला है । उनको निकाला नहीं जा सकता। सहायता से ठंडा कर दिया और १५ दिसम्बर को महाराज स्वयं प्रत्येक गाँव में लगान वसूल करने वाले नौकर रखते हैं। ग्रामीणों को आर्थिक सहायता सर राबर्ट हैमिल्टन ने आकर कार्य प्रारम्भ किया। १८६३ ई० में तीन लाख रुपया होल्कर को विलव कोआपरेटिव बैंक है जहाँ उनको सभी प्रकार की देने के लिये ग्रामीण कोआपरेटिव संस्थाएँ व सेंट्रल काल के सिपाहियों के खर्च के बदले में मिला और सुविधाएं मिली हैं। अधिक गरीब जनता की भलाई १८७८ ई० में होल्कर को ३६० वर्गमील जगह के लिये मनी लैन्डर्स बिल बनाया गया है अंग्रेजों ने इनाम में दी और ३०,००० रुपया जिससे पाटन और बूंदी के बदले में मिला । १८६१ में और किसानों के बीच अच्छे भाव उत्पन्न करने के महाजन गरीबों को न सता सकेंगे। महाजनों जी० सी० यस आई० की उपाधि मिली और १८६२ लिये कन्सीलियेशन वार्डस बनाए गए हैं । में यह सनद मिली कि पुत्र न होने पर होल्कर गोद ले सकता है। इसी समय से होल्कर स्टेट रेलवे बनी, यहाँ पर सूत कातने और कपड़ा बुनने के लिये एक इन्दौर राजधानी व्यापार का एक बड़ा केन्द्र है। १८७२, ई० में बन्दूक और लड़ाई के दूसरे सामान बनाने के लिये इन्दौर में एक फैक्टरी खोली गई। बड़ा भारी कारखाना है जहाँ कई हजार व्यक्ति काम सन् १८७७ में सी० आई० ई० की उपाधि होल्कर जो मजदूरों और मालिकों के बीच शान्ति स्थापित करते हैं। राज्य में एक फैक्ट्री ऐक्ट बनाया गया है को प्राप्त हुई। १७ जून सन् १८६६ ई० को तुकोजी करता है। जो बिजली घर यहाँ है उसको काफी द्वितीय की मृत्यु हो गई। प्रोत्साहन दिया जा रहा है जिससे उसकी बिजली से तुकोजीराव ( १९०३)- कारखानों और खेतों का कार्य हो सके । यहाँ तुकोजी के बाद शिवाजीराव ने १८८६ से पर एक शीशा बनाने का भी कारखाना है जहाँ पर