यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

अङ्क १-४] राजपूताना केवल १२ इंच वर्षा होती है। कुओं में पानी १५० तभी इन्हें महाराज की उपाधि मिली । गदर के समय से ३०० फुट तक की गहराई पर मिलता है। में बीकानेर राज्य ने अंग्रेजों की बड़ी सहायता की १९१४ की बड़ी लड़ाई में बीकानेर के महाराज ने यहां के महाराजा राठौर राजपूत हैं । इस राज्य इस से भी अधिक सहायता की। इस राज्य की । की स्थापना १४६५ ई० में जोधपुर महाराज जोध जी श्रामदनी सवा करोड़ रु० से अधिक है। १९२७ में के ज्येष्ठ पुत्र बीका जी ने की थी। इसी से राज्य सतलज नदी से गंगा नहर के निकालने से सवा छः और राजधानी. का नाम जोधपुर पड़ा। यहां के राजा लाख एकड़ जमीन सींची जाने लगी है। बीकानेर मुगल सम्राट अकबर की सेना के प्रसिद्ध सेना नायक शहर से ५४ मील दक्षिण की ओर कोयले की एक थे। १६८७ में इन्होंने मुगलों के लिये गोलकुंडा जीता खान का पता लगा है। बीकानेर का सेक्रेटेरियट सिरोही इस राज्य का अधिकतर भाग पहाड़ी है । श्राबू भो इस राज्य को बहुत उजाड़ा। १८२९ ई० में ब्रिटिश पर्वत ५,६५० फुट ऊँचा है। यहां के राजा चौहान वंशा सरकार के हस्तक्षेप से जोधपुर गज्य की यहां से देउरा राजपूत हैं । इसी वंश के राजा किसी समय में प्रधानता उठ गई । इस राज्य का क्षेत्रफल २,००० दिल्ली में राज्य करते थे। वर्तमान सिरोही नगर १४२५ वर्गमील, जनसंख्या २,२४,००० और आमदनी साढ़े ई० में बसाया गया । जोधपुरऔर सिरोही की लड़ाई दस लाख रुपया है। में राज्य को बड़ा धक्का पहुँचा। जंगली मीना लोगों ने इस राज्य के उत्तर में मारवाड़ या जोधपुर है.