( ३१ ) मिराज (बड़ो गही)-यह बम्बई प्रान्त के दक्षिणी मैहर-यह बघेलखंड का एक राज्य है। इसका महाराष्ट्र का एक रजय है । इसका क्षेत्रफल ३४२ घर्गमोल है। क्षेत्रफल ४०७ वर्गमील और जन-संख्या ६६,००० है। इसकी जनसंख्या १४,००० और आमदनी ६,२५,००० रु. इसकी आमदनी ४,०८,००० रुपया है। पहले यह राज्य है। यह राज्य १२.५५८ २० ब्रिटिश सरकार को कर देता है रीवा के प्राधीन था। फिर इसे पना के राजा ने जीत और ५५४ सिपाहियों की फैज रखता है। मेवाड़ के राजा कर ठाकुर दुर्जनसिंह को दे दिया। १८२६ ई० में ठाकुर ब्राह्मण हैं। पहले यह जागीर उनको पेशवा की ओर से दुर्जनसिंह की मृत्यु हो गई। राज्य के बटवारे के सम्बन्ध मिली थी। यहां के राजा दक्षिणी महाराष्ट्र के प्रथम श्रेणी में झगड़ा हो गया। इससे ब्रिटिश सरकार ने बीच में पड़कर के सरदारों में गिने जाते हैं। इन्हें प्राणदंड देने का अधि एक भाग (मैहर) एक लड़के (विशुन सिंह) के दुसरा कार है। (विजेराघोगढ़) दूसरे लड़के (प्रागदास) को दे दिया। १८५७ मिराज (छोटी गहो)-यह दणिणी महाराष्ट्र का में ग़दर में प्रागदास ने बागियों का साथ दिया, इससे एक राज्य है । इसका क्षेत्रफल १६७ वर्गमील और जन उसका राज्य छिन गया। यहाँ के राजा जोगी सम्प्रदाय के संख्या ४०,७०० है । इसकी श्रामदनी २ लाख ८६ हजार रू० हैं। यहाँ के महाराज को तोपों की सलामी दी जाती है। है । यह राज्य ७३८६ रु. ब्रिटिश सरकार को कर देता है। मेमदपुर-यह गुजरात के महीकान्त का एक राज्य यहाँ सिपाहियों की फौज रहती है। यहां के राजा ब्राह्मण । इसकी जन-संख्या ७०० और आमदनी १,८०० रु. हैं। इन्हें प्राणदंड देने का अधिकार है। है। यह राज्य १८० रुपया बड़ौदा को कर देता है । मिलीम-यह आसाम की खासी पहाड़ियों में एक मेवली-यह बम्बई प्रान्त के रेवाकान्त में पांडु, राज्य है। इसकी जन-संख्या १३,००० और ग्रामदनी सेहवास का एक राज्य है। इसका क्षेत्रफल ५ वर्गमील ३,००० रुपया है। धान, भालू, ज्वार, बाजरा, मक्का, और श्रामदनी ३,००० रुपया है। यह राज्य १,१०० अदरख, गन्ना और दारचोनी यहाँ की उपज है । यहाँ लोहा रुपया बड़ौदा को कर देता है। भी पाया जाता है। यहाँ के शासक को सियेम कहते हैं। मेवासा-यह काठियावाड़ के झालावार में एक राज्य मुधोल-यह दक्षिणी महाराष्ट्र का एक राज्य है। है। इसका क्षेत्रफल २४ वर्गमील और जनसंख्या १,२०० इसका क्षत्रफल ३६२ वर्गमील और जन-संख्या ५५,००० है। इसकी श्रामदनी ८,००० रुपया है। यह राज्य ४४५ है, इसकी प्राय ३ लाख रुपया है। यह राज्य २,६७२ रुपया ब्रिटिश सरकार को और ११८ रुपया बड़ोदा को रुपया कर देता है। यहाँ ४४४ सिपाहियों की फौज रहती कर देता है। है। यहाँ के सरदार भोसला क्षत्रिय हैं और शिवाजी के मैसूर-यह दक्षिण भारत में एक बड़ा राज्य है। इसका वंशज हैं । यह दक्षिणी महाराष्ट्र में प्रथम श्रेणी के सरदारों क्षेत्रफल २६,४८३ वर्गमील और जन-संख्या ६५,५३,०२० में हैं। इन्हें प्राणदण्ड देने का अधिकार है। है। धान, गेहूँ, चना, ज्वार, बाजरा, तेलहन, कपास, मुहम्मदगढ़-यह भोपाल एजेन्सी में एक नवाबी तम्बाकू, काली मिर्च और भालू यहां की उपज है। चन्दन राज्य है। इसका क्षेत्रफल २६ वर्गमील और जन-संख्या के पेड़ बड़े मूल्यवान् हैं । शहतूत के पेड़ों की अधिकता २,६५८ है। इसकी आमदनी १६,००० रुपया होने से यहाँ रेशम भी बहुत तैयार किया जाता है। इस के नवाब पठान हैं। यह किसी प्रकार का कर नहीं देते हैं। राज्य में कोलार की खाने भारतवर्ष भर में सर्वप्रसिद्ध हैं। मुलाजिलपुरा-यह गुजरात के महीकान्त का एक सस्ती बिजली मिल जाने के कारण यहां कई प्रकार राज्य है इसको जन-संख्या २५० है, यह बड़ौदा राज्य को के कारबार खुल गये हैं। मैसूर एक प्राचीन राज्य २२ रुपया कर देता है। है, यहीं सुग्रीव का राज्य था, हनुमान जी इनके सेनापति मूली—यह झालावार का एक राज्य है। इसका थे। १६१० ई० में भैसूर के वादिया राजा ने शृङ्गापट्टम क्षेत्रफल १३३ वर्गमील और जन-संख्या २०,००० है । (श्री रजपटम् ) के किले को जीतका वर्तमान मैसूर राज्य इसकी आमदनी डेढ़ लाख रुपया है। यह १३५४ रुपया की नींव डाली। यहां के राजा यदुवंशी हैं, इनके पूर्वज ब्रिटिश सरकार और जूनागढ़ को कर देता है। यहाँ के १३६६ ई० में द्वारका ( काठियावाड़) से आये थे । ठाकुर परमार राजपूत हैं। इनकी फौज में २२२ सिपाही हैं। १७३४ ई० में हैदरअली ने राजा को गधी से उतार कर । यहाँ
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