। किया था। (.२० ) में एक राज्य है । इस का नत्रफल ७३७ वर्ग मील और यह ५५२० रु० बिटिश सरकार को कर देता है। अब जन-संख्या सवा लाख है। इसको श्रामदनी ७,४२,००० रु० से पाँच सौ वर्ष पहले रोवों महाराज के एक राजपूत दर- है। यह ८५ हजार माया होकर सरकार को कर देता है। बारी ने इस राज्य की स्थापना की थी। यहां १८ घुड़सवार, ६२५ पैदल और २४ तोपखाने के सिपाही नाल-यह रेवाकोठा के सन खेड़ा मेहबास का एक रहते हैं। यहां के राजा राजपूत हैं। इनको १२०२ रु० भील राज्य है। इसकी जन संख्या ४०० और आमदनी सिंधिया की ओर से और ५,१०० रुपया देवास की ओर से १,२०० रुपया है। लकड़ी यहां की प्रधान उपज है। यहां तनख्वाह मिलती है । इस राज्य के संस्थापक १६६० ई० में के राजा भील हैं। राज्य गढ़ के रावल के यहां मंत्री थे। १६८१ ई. में उन्होंने नारूकोटा -यह गुजरात के पंच महल में एक छोटा रावल को अपना राज्य बांटने के लिये विवश किया। इस राज्य है। इसका क्षेत्रफल १४३ वर्गमील और जन-संख्या प्रकार नरसिंह गढ़ एक अलग राज्य हो गया। यहां के राजा ७ हज़ार है। इसको आमदनी ८,००० रुपया । यह को १२ तांपों को सलामी दी जाती है। राज ३००० म. ब्रिटिश सरकार को कर देता है। पंच नरसिंहपुर-यह उड़ीसा प्रान्त का एक राज्य हैं । महल जिले का कलक्टर इस राज्य का प्रबन्ध करता इस का क्षत्रफल २०७ वर्गमील और जन-संख्या ४ हजार नाभा-यह पञ्जाब में सतलज नदी के इस पार है। इसकी आमदनी १,११,१०५ रु. है । यह राज्य वाला एक राज्य है। इसका क्षेत्रफल ११७ वर्गमोल १४५० रुपया ब्रिटिश सरकार को कर देता है। यहां की और जन-संख्या लगभग ३ लाख है। इसकी आमदनी २८ फौज में ५८३ सिपाही हैं। यहां के राजा राजपूत हैं । अब लाख रुपया है । गेहूँ, गन्ना, कपास और तम्बाकू यहां की से ३०० वर्ष पहले इनके पूर्वजों ने इस राज्य को स्थापित प्रधान उपज हैं। यहां की फौज में १,२५० पैदल, २५० घुड़सवार श्रीर १० तोपखाने के सिपाही हैं। यहां के नसवादी-यह रेवाकाण्ठा के सिम्ध ग्वेदा मेहवास राजा जाटवंश के हैं। गदर के समय में यहां के राजा ने का एक छोटा राज्य है । इस का क्षेत्रफल १९ वर्गमील, अंग्रेजों को बड़ी सहायता को इससे इन्हें ५ लाख रपये से आमदनी १२ हज़ार है। यहां के ठाकुर १६६१ पया अधिक आमदनी की जागीर मिल गई । यहां के राजा बड़ौदा को कर देता है। को १३ तापों की सलामी दी जाती है। इन से पहले नयलपुर-यह बम्बई के खान देश में एक छोटा नाभा में बड़े उन्नत और राष्ट्रीय विचारों के राजा राज्य भील राज्य है । इसकी जनसंख्या २०. है। इसकी प्राम करते थे। लेकिन इन के विचार ब्रिटिश सरकार को खटकने दनी ८०० रु. है। लकड़ी यहां की प्रधान उपज लगे । इस लिये ये गद्दी से उतार दिये गये । और यहां के राजा भील है। मदास प्रान्त के कोदई कनाल स्थान में रक्खे गये। नवा नगर-यह काठियावाड़ में एक प्रथम श्रेणी नागोद-(उचहरा) यह मध्य भारत की बघेल- का राज्य है। इसका क्षेत्रफल ३,७६६ वर्गमील है । इसकी खंड एजेन्सी में एक छोटा राज्य है। इसका दान फल्ल जन-संख्या ४,१०,००० और आमदनी १४ लाख रुपया है ५.१ वर्ग मील और जन संख्या ८० हजार है । इसका यह राज्य १ लाख २० हजार १०० रुपया सब मिला आमदनी २,३३,००० रुपया है । यहाँ के राजा ने क कर प्रिटिश सरकार, बड़ौदा और भूनागढ़ को कर देते हैं। समय में अंग्रेजों की बड़ी सहायता की । इसलिये वैराघोगढ़ इनकी फौज़ में २३०३ सिपाही हैं । यहां के राजपूत राजा की जो जमीन जब्त की गई थी वह नागौद के राजा को मिल जाम साहब कहलाते हैं । १५४० ई० में जाम रावत ने गई ।यहां के राजा को १ तोपों को सलामी दी जाती है । इस राज्य की स्थापना की थी। यहां के जाम साहब की नाहर-यह एक काठियावाड़ के पाण्डु मेहवास एक ११ तोपों की सलामी दी जाती है। राज्य है। इस का क्ष प्रफल ३ वर्गमोल है । इसकी नयागढ़ - यह उड़ीसा प्रान्त का एक राज्य है। इस श्रामदनी ८०० रुपया है । यह राज्य २५ ६० बड़ौदा को का प्रफल २१२ वर्गमील और जन-संख्या दो लाख है । धान, ज्वार बाजरा, कपास, गया और तिलहन यहाँ नीलगिरी-यह उड़ीसा का एक राज्य है। इसका की उपज है । इस राउपकी आमदनी ४,२४,००० रुपया है। क्षेत्रफल २८४ वर्गमील और जन-संख्या ६६ हजार - - गदर कर देता है। -
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