(१८) ८,००,००० रु०है । यह राज्य ३५,६०० रु. कर देता है। काम होता है। नमक भी तैयार किया जाता है। इस इस राज्य में दो शासक है। इसी से एक को छोटी गही राज्य की आमदनी २५ लाख रुपया है । और दूसरी को बड़ी गही कहते हैं। यहां के राजपूत राजा धर्मपुर-यह गुजरात में सूरत एजेन्सी का एक राज्य धार राजवंश से सम्बन्ध रखते हैं। इसका क्षेत्रफल ७६४ घर्गमील और जनसंख्या सवा लाख देदन-यह काठियावाड़ में एक छोटा राज्य है। । इस राज्य में २७३ गांव हैं। यहां की जलवायु बड़ी इसका क्षेत्रफल ३० वर्गमील है। इसमें ११ गांव हैं। अस्वास्थ्यकर । धान, उर्द, चना, गना, महुअा के फूल, इसको जनसंख्या ६,००० और आमदनी ४,००,००० २० है। सागौन, श्राबनूस और बांस यहां की प्रधान उपज है। यह राज्य २९५६ रु० बड़ौदा राज्य को कर देता है। इस राज्य की आमदनी ३ लाख रुपया है। यहां के (राजा देदर्द -यह काठियाद का एक छोटा राज्य है। इसमें श्री महाराना ७०,००० रु० कर देते हैं। इनको १ तोपों केवल एक गांव है । इसकी प्रामदनी ५,००० रु० है। यह की सलामी मिलती है। राज्य १०३ रु० रुकर देता है। धरी-यह रेवाकाण्ठा (बम्बई) का एक छोटा राज्य है। देवदार-यह गुजरात की पालनपुर एजेन्सी में एक इसका क्षेत्रफल सवा तीन वर्गमोल है। इसकी आमदनी छोटा राज्य है। इसका क्षेत्रफल ४४० वर्गमील है और ३,००० रु. है। यह राज्न १५० रु० बड़ौदा को कर देता है। जनसंख्या २८,००० है । इसकी आमदनी ३०,००० रु. है। ध्रङ्गधरा-यह मध्यभारत में ग्वालियर एजेन्सी यहां के ठाकुरसाहब ने ब्रिटिश सरकार से १८०७ ई० में का एक राज्य है। इसमें ३२ गांव हैं, इसकी जनसंख्या सन्धि की थी। ५,००० है। यहां के ठाकुरसाहब की आमदनी १०,०००रु. है। धबलाधीर-यह मध्य भारत में भूपाल एजेंसी का धामी-यह पंजाब का एक पहाड़ी राज्य है और एक छोटा राज्य है। इसका क्षेत्रफल १० वर्गमील है, इसमें शिमला से १२ मील दूर है । इसका क्षेत्रफल २६ वर्ग- ३ गांव हैं, इसकी जनसंख्या १,२०० है। इसकी अामदनी मील है। इसमें २१४ छोटे छोटे (घर) गांव हैं। इसकी ५,००० रु. है। यहां के ठाकुर ब्रिटिश सरकार को १४०० जनसंख्या १,००० है । इसकी आमदनी १०,००० रु. रु० कर देते हैं। यह राज्य ७०० रु० कर देता है । जब हिन्दुस्तान के मैदान धवलाघोरी -यह भी भूपाल एजेंसी का एक छोटा में मुहम्मद गोरी का हमला हुआ तब यहां के राज्य है, इसमें केवल १ गांव है। इसकी प्रामदनी वंशज रायपुर (अमृतसर जिले के) नगर से भागकर यां ६,००० रु. है। यहां का राजा ब्रिटिश सरकार को १०५० चले आये और इस प्रदेश को जोतकर धामी राज्य स्थापित म. कर देता है। किया। धनगांव-यह मध्य भारत का एक छोटा राज्य है । धार-यह मध्य भारत की भील या भूपाल एजेंसी इस राज्य को १,४८० रु. सिन्धिया सरकार से और ५६ १० का एक राज्य है। इसका क्षेत्रफल १७४० वर्गमील है । होल्कर सरकार से भरता मिलता है। यह राज्य ब्रिटिश इसकी जनसंख्या २ लाख है, इसकी आमदनी ८ लाख रु० सरकार को १००० रु० कर देता है। है। यह राज्य मालवा भोज-फौज के लिये ११६५० रु. धरासा-यह काठियावाड़ का एक राज्य है। इसमें कर देता है। यहां की फौज में ८०० पैदल २७६ घुड़- २४ गाँव हैं, इसकी प्रामदनी ८०,००० रुपया है। यह सवार २ तोपें और २१ तोपखाने के सिपाही हैं। धार ब्रिटिश सरकार को ३७०६ रुपया और जूनागढ़ को ६६५ बहुत पुराना राज्य है, राजा भोज और सुप्रसिद्ध राजा रुपया कर देता है। विक्रपादित्य यहीं राज्य करते थे। वर्तमान नरेश इन्हीं धरङ्गधरा-यह काठियावाड़ का एक राज्य है। राजा विक्रमादित्य के वंशज हैं। समय के हेर फेर से इसका क्षेत्रफल ११६७ वर्गमील है। इसमें १२६ गाँव राजधानी उज्जैन से उठकर धार में चली आई। धर्तमान हैं। इसको जनसंख्या ८६,००० है। यहां की जलवायु राज्य का पुनरुद्धार १७४६ ई. में हुआ। तभी पेशवा गरम और स्वास्थ्यकर है। कपास ज्वार, बाजरा, गेहूँ बाजीराव ने यह जागोर आनन्दराव को सौंप दी। १८५७ के यहां को प्रधान उपज है। यहां तांबे और पीतल के बर्तन, गदर में यहां के राजा ने आजादी की लगन से उत्तेजित सूती कपड़े, मिट्टी के बर्तन और पत्थर की चक्की बनाने का होकर विद्रोह का झंडा उठ.या। इससे पहले तो यह राज्य राना
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