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१७२ जाशपुर छोटा नागपुर ( बंगाल ) का एक छोटा राज्य नदियाँ हैं । पठारों में जंगल वन भी काफी संख्या में है । इसका क्षेत्रफल १९६३ वर्गमील और जन- हैं। नगरों को भूमि उपजाऊ है और वहाँ को जलवायु संख्या लगभग २ लाख है । इसके उत्तर और पश्चिम अच्छो तथा स्वास्थ्यदायक है। रानीझूला की चोटी सरगूजा राज्य, दक्षिण में गाँगपुर और उदयपुर राज्य ३५२७ फुट और कोहियार ३९९३ फुट ऊंची हैं। जंगलों और पूर्व में लोहारदगा जिला है। इस राज्य में ऊँचे में शहद, लाख और टसर ( रेशम ) पाये जाते हैं। और नीचे दोनों प्रकार के प्रदेश पाए जाते हैं । इस राज्य की सालाना आय ३,६०,००० रु. है। यह राज्य राज्य में छोटा नागपुर खुरिया, अपर खाट आदि के १८१८ में भोंसला मरहठा राजा द्वारा अंग्रेजों के पठार हैं। ईब, कनहार और लोवा यहाँ की प्रधान अधिकार में आया।

नन्द गाँव मध्य प्रान्त के रामपुर जिले में राज नन्दगाँव ५,०९,६८५ रु. है किन्तु ६५,००० रु० सालाना एक छोटा राज्य है। यह नन्द गांव, पान दादा अंग्रेज़ को देना पड़ता है । मोहगांव और खमरिया चार परगनों से मिलकर बना १८२३ में महन्त छासी दास मेर वह एक अच्छे है। यहां का क्षेत्रफल ८७१ वर्गमील है और जन शासक थे उनके बाद उनके पुत्र गद्दी पर बैठे। इनके संख्या १,८२,३८० है । ४४१ वर्गमील में खेती होती लड़कपन में दीवान और इनकी मां ने राज्य का प्रबन्ध है । २८८ वर्गमील भूमि खेती के योग्य है। किन्तु किया । बंगाल-नागपुर रेलवे नन्दगांव होकर जाती है अभी परती पड़ी है। यहां की मुख्य उपज धान, गेहूँ, जिससे यह नगर अच्छी उन्नति पर है। गत राजा के चना, कोदो, तिलहन और कपास हैं। यहां मोटे समय में राज्य के भीतर डाक बंगले, गल्ला गोदाम, कपड़े भी बुने जाते हैं। सड़क और तालाब बनाए गए। राज्य की सेना में ७ पहले पहल नागपुर के राना के पुरोहित को यह हाथी १०० घोड़े, ५ ऊंट और ५०० पैदल सिपाही हैं । जागीर मिली थी। बाद को १७६५ और १८१८ में राज्य में स्कूल और औषधालय प्रजा की सहायता के और अधिक इसका विस्तार हुआ। यहां का सरदार लिये खुले हैं। यहां के वर्तमान शासक महन्त सरेश्वर राजा एक बैरागी है। राज्य की सालाना आय दास हैं।