१६३ चम्बा पंजाब प्रान्त का एक राज्य है । इस राज्य के इस राज्य का क्षेत्रफल ३२१६ वर्गमील तथा उत्तर-पश्चिम में काश्मीर राज्य और दक्षिण-पूर्व में जनसंख्या ७८,३९४ है । इस राज्य की सालाना कांगड़ा और गुरुदासपुर के जिले हैं। यह सारा राज्य आय लसभग ७ लाख २० है। यहां की मुख्य उपज पहाड़ी है । इस में लोग शिकार खेलने के लिए आते बाजग, मक्का और चावल है। राज्य में बहुमूल्य हैं। यहाँ पर बहुत से प्राचीन ताम्रपत्र पाए गए हैं। लकड़ी पाई जाती है । पहाड़ों पर कई प्रकार की लगभग छठवीं शताब्दी में इस राज्य की नींव मारुत धातुएँ पाई जाती हैं । किन्तु उनकी खुदाई अभी तक सूर्यवंशी राजपूत ने डाली थी। चम्बा नगर को साहित्य भली भांति नहीं हुई है। वर्मा ने लगभग ९२० में बसाया था। मुग़ल साम्राज्य राज्य में अमृतसर पठान कोट तथा नार्थ के पहले यह राज्य स्वतंत्र रहा। फिर यह मुगल वेस्टर्न रेलवे है। साम्राज्य के आधीन हो गया। किन्तु इस राज्य पर महाराज वजीर वजारत की सहायता से राज्य मिक्ख लोगों का प्रभाव नहीं पड़ा। १८४६ में यह प्रबन्ध करते हैं। अधिकार में आया। पहले इसका चम्बा नगर रावी नदी पर स्थित है। यहां पर पश्चिमी भाग काश्मीर राज्य के श्राधीन रहा किन्तु बहुत से मन्दिर हैं जिनमें लक्ष्मी नारायण का बाद को यह फिर इस राज्य को लौटा दिया गया । मन्दिर सबसे अधिक प्रसिद्ध है। राज्य अंग्रेजों XXXX कहलूर राज्य यह शिमला पहाड़ी का एक राज्य है और पञ्जाब १२,००००० मालाना देता है। १८५७ के ग़दर में गवर्नमेन्ट के श्राधीन है। यहाँ का क्षेत्रफल ४४८ राजा ने सरकार की सहायता की थी। उसके बदले वर्गमील है। यहाँ की जनसंख्या ८६.५४६ है। में राजा को ७,५०० २० की पोशाक मिली और ७ गोरखों ने उन्नीसवीं शताब्दी के प्रारम्भ में इस राज्य तोपों की सलामी का हुक्म हुआ जो बाद को ११ कर पर आक्रमण किया। किन्तु अँग्रेजों ने उन्हें निकाल दिया गया। राजा हीराचन्द १८३५ में पैदा हुए और बाहर किया और राजा को फिर गद्दी पर बैठाया । अक्टूबर सन् १८८२ में उनकी मृत्यु हुई । उसके बाद जब पञ्जाब को ब्रिटिश सरकार ने जीता तो राजा को उनके पुत्र अमरचन्द राजा हुए। राज्य की मुख्य कहलूर का राज्य और सतलज नदी का दाहिना तट पैदावार अनाज, अदरख और अफीम है। राज्य की दिया । बाद को बासे बचरेटू का परगना भी राजा को सालाना आय २ लाग्य का है। दिया गया जिसके बदले गजा अंग्रेज सरकार को
पृष्ठ:भूगोल.djvu/१६४
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।