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१३८ भूगोल [वर्ष १६ यूनिवर्सिटी में शिक्षा प्राप्त की। आपने तमाम योरुप, यद्यपि राज्य में इतने अधिक सामाजिक सुधार इंगलैंड और रूस का भी भ्रमण किया है। आपने हो रहे हैं ( जिन पर बड़ा भारी व्यय हो रहा है ) एरियन मेडीकल साइन्स का इतिहास, इंगलैंड यात्रा किन्तु राज्य में न तो चुंगी लगती है और न कर । पर एक जर्नल और एक गुजराती कोष लिखा है । तो भी आय और व्यय सदैव सम रहा है। राज्य एक शिक्षा प्रेमी व्यक्ति होते हुए महाराज ने राज्य की सालाना आय ७८,००,००० रु० सालाना है जिसमें की शिक्षा की ओर ध्यान दिया। आजकल राज्य में से ५०,००,००० रु० व्यवसायों में लगे हुए रुपए के १९१ स्कूल हैं जिनमें ८,४३४ लड़कियाँ और ११,३४६ ब्याज से आता है बाकी रकम मालगुजारी की है। लड़के शिक्षा पाते हैं। वर्नाक्यूलर स्कूलों में ६७० यहां की प्रजा सुखी है उनको "अघात हक्क' अर्थात् लड़के शिक्षा पा रहे हैं। महाराज ने शिक्षा सम्बन्धी पूरे तौर से मालिक होने का हल प्राप्त है । इस प्रकार बातों में १ करोड़ रु० लगाया है। १९१७ में प्राइमरी प्रजा के सुखी होने से राजा भी सुखी है। किसानों को शिक्षा, ७ से ११ साल तक की लड़कियों के लिये सभी प्रकार की सुविधाएँ प्राप्त हैं। १८८४ में मुफ्त और जबरिया कर दी गई । व्यायाम भी लड़के १,१५,००० एकड़ भूमि परती थी किन्तु अब केवल लड़कियों सभी को करना पड़ता है। गोंडी नदी पर १२,००० एकड़ भूमि परती रह गई। प्रसिया कालेज की बिलडिङ्ग है । यहां गरीब लड़कों महाराज ने पुलीस विभाग का सुधार बिलकुल की फीस, रहने और पढ़ने का मुक्त प्रबन्ध है। नए ढंग पर किया है। किन्तु पुलीस का काम बहुत राज्य के अन्दर औषधालयों का अच्छा बर्तमान कम पड़ता है। राज्य के अन्दर न्याय और शांति का पद्धति के अनुसार प्रबन्ध है। महारानो साहबा ने राज्य है । राज्य के भीतर कानून द्वारा पर्दे का रिवाज मिडवाइफ (दाई) की ट्रेनिङ्ग में बड़ा भाग लिया और हटा दिया गया है और महारानी जी राजपूत बड़े आज वे एक अच्छी संख्या में पाई जाती हैं। राज्य घराने की पहली महिला हैं जिन्होंने पर्दे में पानी के लिये अच्छा प्रबन्ध है। १९२४ में गोंडल तोड़ी है। में बिजली का प्रयोग हुआ। इसके तार भूमि के अन्दर होकर जाते हैं। अपलेटा नगर में भी ऐसा राज्य की मुख्य उपज कपास है। जो यहां से हो प्रबन्ध है । इसमें लगभग २५ लाख रु० लगे हैं। बम्बई भेजी जाती है और वहां से जापान और टेलीफोन भी ३०० मील तक है और १६५ कने इंगलैंण्ड को रवाना की जाती है। गोंडल, उपलेटा, पनेली और मोविया में कपास धुनने तथा साफ करने नगर नए ढंग से बनाए जा रहे हैं । गोंडल, ढोरजी, के कारखाने हैं। गांडल की गल्ले की मंडी बहुत उपलेटा, मयाबदार आदि नगरों में सड़कें, पार्क, प्रषिद्ध है और आजकल मूगफली की उपज तथा बाटिकाएँ, खेलने के स्थान, सब्जी मंडियों तथा बाजार व्यापार काफी उन्नति पर है । सभी बातें मौजूद हैं। किन्तु किसी प्रकार का भी गोंडल में दरी बनाने का एक बड़ा भारी कार- टैक्स, कर या चुंगी इन नगरों में नहीं है। खाना है जहां काश्मीरी दरियां बहुत ही सुन्दर बनाई राज्य में ३०० मील लम्बी पक्की सड़क है। इन जाती हैं। इसके अलावा और भी छोटे मोटे बहुत से सड़कों के दोनों ओर पेड़ हैं। लोहे के खम्भों के साथ कारखाने हैं । गोंडल में लकड़ी का सामान, खिलौने, साथ रेलिंग भी लगाई गई है। मीलों के चिन्ह, विश्राम बेल बूटों के काढ़ने का काम तथा सोने चांदी स्थान, मोटरों के खड़े होने की जगहें इत्यादि वस्तुएँ का काम भी बहुत अच्छा होता है । पीतल बिल्कुल नए ढंग पर बनाई गई हैं। और तांबे का सामान भी अच्छा बनाया जाता है। इस राज्य की राजधानी गांडल नगर है। यह गोंडल में रसायन बनाने का काम होता है । किलेबन्द नगर एक शाखा रेलवे का स्टेशन है वस्तुएँ , बम्बई, कलकत्ता, देहली ही नहीं वरन् श्रम- जो भावनगर-गांडल-जूनागढ़-पोरबन्दर रेलवे पर रीका और अफ्रीका भी जाती हैं। गोंडल में एक स्थित है। सिलवर जुबली टेक्निकल इन्स्टीट्यूट बन रहा है । क्शन हैं।