यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

अङ्क १.५] गोंडल राज्य १३७ लिम्बदी, बॉकनेर, वधन लखतर, चूदा और सैला दी जाती है। ऊँची शिक्षा के लिये राज्य की ओर से राज्यों में विभाजित है तो भी धंगधर राज्य सब का वजीफा दिया जाता है। राज्य का अपना कृषि-विभाग अगुवा माना जाता है । १७३० ई० धंगधर का किला है। और बहुत सी वाटिकाएँ हैं। इनमें प्रजा को बिला बनाया गया । १७६२ में धंगधर राजधानी हो गया। रोक टोक घूमने का अधिकार है। राज्य के भिन्न यहाँ के वर्तमान शासक मेजर हिज हाईनेस राजा भिन्न भागों के अस्पतालों में मुक्त दवा की जाती है। साहब श्री सर घनश्यामसिंह जी अजीतसिंह जी के किङ्ग एडवर्ड हास्पिटल एक बहुत बड़ा अस्पताल है । सी० आई० ई० के० सी० एस० आई हैं जो भाला यहाँ सभी प्रकार को औषधियों और रसायन बनाई राजपूत घराने के अगुवा हैं । १८८९ में आप पैदा जाती हैं । यहाँ श्री प्रैकूवर्ब जनाना अस्पताल भी है। हुए। आपने राजकुमार कालेज, राजकोट में शिक्षा धंगधर के उत्तर कच्छ का रन है। इसका कुछ पाई और ऊँची शिक्षा प्राप्ति के लिये इंगलैंड भी गए। भाग राज्य के अधिकार में है । पहले राज्य को नमक वहाँ से लौटने पर आप अपने पिता की अध्यक्षता में बनाने का अधिकार था। किन्तु बाद में यह अधिकार राजनीति और राज-प्रबन्ध का अध्ययन करते रहे। ले लिया गया। १९२२ में अधिकार दिया गया किन्तु १९११ में आप गद्दी पर बैठे। महायुद्ध में आप ने बहुत से रोकें लगाई गई अब ब्रिटिश सरकार प्रतिवर्ष रुपये और सेना से ब्रिटिश सरकार की सहायता की। ५,००,००० मन नमक राज्य से मोल ले नेती है। यहाँ आपके समय में राज्य की आय में वृद्धि हुई है। पर सोडा, पोटाश और बारूद बनाने के कारखाने हैं। कारण यह है कि आपने प्रजा को मौरूसी हक खेतों श्री शक्ति अलकाली कारखाना इसके लिये प्रसिद्ध है। में प्रदान किया है । इसलिये प्रजा जी तोड़कर खेतों में धंगधर अपनी कपास के लिये प्रसिद्ध है। राज्य मेहनत करती है और सुन्दर फसल उगाती है । परती इस कपास के बीज को साफ रखने के लिये बड़ा जमीन को राज्य की ओर से साफ करके खेत बनाए प्रबन्ध करती है । यहाँ पर कपास ओटने के कारखाने जाते हैं और खेत तयार होने पर प्रजा को दे दिये हैं । यहाँ रुई अदली बदली भी जाती है। यहाँ पीसने, जाते हैं। जो नये नये गाँव हैं उनकी दशा बड़ी ही मकान बनाने और धार तेज करने वाले पत्थर मिलते उन्नतिशील है। हैं जो बड़ी संख्या में बाहर भेजे जाते हैं। राज्य में राज्य में बालक और बालिकाओं को मुक्त शिक्षा लगभग ५४ मील के राज्य की अपनो रेलवे लाइनें हैं।

गोंडल राज्य गोंडल राज्य काठियावाड़ के मध्यवर्ती भाग में प्रथम ने इस राज्य की नींव डाली और २० गाँवों का स्थित है। यहाँ का क्षेत्रफल १०२४ वर्गमील और राज्य स्थापित किया। कुम्भ जी द्वीतीय ने अपने जनसंख्या २,०५,८४६ है । यहाँ की जलवायु अच्छी राज्य की सीमा बर्तमान सीमा तक जातकर बढ़ाया । है। साल में २५ से ३० इंच तक वर्षा होती है। ठाकुर साहब संग्राम जी की मृत्यु पश्चात् हिज राज्य की भूमि समतल है। केवल एक ओसाम की हाईनेस श्री भगवतसिंह जी, जी० सी० आई० ई०, पहाड़ी है। यहाँ कई छोटी छोटी नदियां हैं । नाहर एफ० आर० सी० पी० ई०, महाराजा ठाकुर साहब नदी उनमें सब से बड़ी नदी है। राज्य की प्रधान १८६९ ई० में गद्दी पर बैठे । १८६४ में आप ने राज्य उपज ज्वार, बाजरा, गेहूँ, चना, जौ, मूंगफली और शासन की बागडोर अपने हाथों में लो। १९३४ में कपास है। आप की स्वर्ण जयन्ती बड़े समारोह के साथ राज्य इस राज्य के शासन जदेजा राजपूत हैं। इनकी में मनाई गई । इस समय स्वर्ण तुलादान दिया गया । उपाधि हिज हाईनेस ठाकुरसाहब की है। कुम्भ जी आपने राजकोट राजकुमार कालेज और एडिनबरा